कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार के तरफ से लगाए गए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाए जाने के बाद माकपा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। माकपा ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए लॉकडाउन को और बढ़ने का सबसे अधिक असर गरीबों और वंचित समुदाय पर होगा।
उन्होंने कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री ने गरीबों के लिए अपने सम्बोधन में आज कुछ ठोस घोषित नही किया। माकपा ने जारी बयान में कहा कि पीएम मोदी ने आज लोगों से सात बातों का पालन करने की घोषणा की लेकिन सरकार ने गरीबों मजदूरों के लिए कोई ठोस कदम उठाने की घोषणा नहीं की। पार्टी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि उन सभी गरीब लोग को 7,500 रुपये की अनुग्रह राशि भेजे जो आयकर के दायरे में नही आते और उन्हें मुफ्त अनाज भी मिलना चाहिए।
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बयान में कहा गया कि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने एक लाख 70 हत्रार करोड़ के पैकेज की घोषणा की जो पर्याप्त नहीं है। यह सकल घरेलू उत्पाद का केवल एक प्रतिशत है और यह कम से कम 5 प्रतिशत होना चाहिए। पार्टी ने 20 अप्रैल के बाद छूट की घोषणा होने पर प्रवासी मजदूरों को अपने घर लौटने की सुविधा देने को कहा और इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि लोग भूखमरी से न मरें।