मध्य प्रदेश में ‘कोवैक्सीन’ टीके की आठ करोड़ रुपये मूल्य की 2.40 लाख खुराकें एक लावारिस लॉरी से बरामद हुईं। नरसिंहपुर जिले के करेली बस अड्डे के पास सड़क किनारे करीब 12 घंटे से यह लॉरी लावारिस खड़ी हुई थी। हालांकि इस दौरान लॉरी का इंजन चालू था और चालक गायब है।
इंजन चालू रहने से इसका रेफ्रिजेरेटर काम कर रहा था। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस लॉरी के कंटेनर में रखीं ‘कोवैक्सीन’ की 2.40 लाख खुराक सुरक्षित होंगी। इस वाहन से ‘कोवैक्सीन’ टीका हैदराबाद से करनाल भेजा जा रहा था। नरसिंहपुर जिले के पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने शनिवार को बताया कि इस वाहन का पंजीयन नंबर टीएन-06 क्यू 6482 है और शुक्रवार रात करीब 12 घंटे खड़ी रहने के बाद इसे करनाल के लिए रवाना करवा दिया गया।
उन्होंने कहा कि ‘कोवैक्सीन’ टीके की खुराक हैदराबाद से लाई गई थीं। श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार दोपहर पुलिस को सूचना मिली कि नरसिंहपुर जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर करेली बस अड्डे के पास एक लॉरी खड़ी है जिसका इंजन चालू है और इसपर भारत बायोटेक कंपनी लिखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने गुरुग्राम (हरियाणा) की ट्रांसपोर्ट कंपनी टीसीआई से संपर्क किया और उन्हें चालक रहित लॉरी के बारे में जानकारी दी। कंपनी ने जीपीएस सिस्टम के जरिये इसे करेली में खड़ा पाया और जब वे इसके चालक से संपर्क नहीं कर पाए तो वे भी चिंतित हो गए।’’
श्रीवास्तव ने बताया कि इसके बाद इस कंपनी ने एक चालक का बंदोबस्त किया और यह लॉरी शुक्रवार रात आठ बजे करनाल के लिए रवाना हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘इस लॉरी का चालक विकास मिश्रा अब भी लापता है। हमें उसका मोबाइल फोन मौके से 16 किलोमीटर दूर एक जगह पर मिला है।’’
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘लॉरी का इंजन चालू होने के कारण रेफ्रिजरेटर काम कर रहा था। इसलिए मुझे उम्मीद है कि इसमें रखे टीके सुरक्षित होंगे।’’ उन्होंने वाहन के साथ लूटपाट की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘यदि लूटा गया होता तो अब तक वाहन चालक मिल गया होता। हो सकता है कि वह अपने परिवार में चल रही अनबन के कारण गायब हो गया हो। वह उत्तर प्रदेश के अमेठी का रहने वाला है और 22 से 25 वर्ष के बीच उसकी उम्र होगी। उसे ढूंढ़ने के प्रयास जारी हैं।’’