अदालत ने ‘म्हाडा’ से पूछा : क्या इंसानी जान की कोई कीमत नहीं - Punjab Kesari
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अदालत ने ‘म्हाडा’ से पूछा : क्या इंसानी जान की कोई कीमत नहीं

म्हाडा के वकील प्रकाश लाड ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि इमारत के आसपास बैरीकेड लगाए गए

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय को शुक्रवार को महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) ने बताया कि दक्षिण मुंबई में 150 साल पुरानी जीर्णावस्था में खड़े एस्प्लानेड मैंशन को अब भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं किया जा सका है। इसके बाद अदालत ने संस्था से पूछा कि क्या इंसानी जान की कोई कीमत नहीं है?न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और गौतम पटेल की खंडपीठ ने पिछले महीने म्हाडा को निर्देश दिया था कि वह इमारत के आस-पास के इलाके को सुरक्षित करने के लिये कदम उठाए। 
म्हाडा के वकील प्रकाश लाड ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि इमारत के आसपास बैरीकेड लगाए गए हैं और गाड़ियों की आवाजाही और पैदल यात्रियों के लिये अलग-अलग पथ बनाए गए हैं। पीठ ने इस पर यह जानना चाहा कि इमारत के ऊपर से लटक रहा कोई हिस्सा गिरा है क्या? अगर यह गिरा तो सड़क पर गिरेगा या लगाए गए बैरीकेड के अंदर। 
जब लाड ने कहा कि मलबा गिरने पर सड़क पर आएगा तो पीठ ने म्हाडा को निर्देश दिया कि वह इमारत के चारों तरफ जाल लगाए। अदालत ने कहा कि यह सबकुछ अब तक हो जाना चाहिए था क्योंकि इमारत का लटक रहा हिस्सा ढहने से पहले म्हाडा को नोटिस नहीं देगा। पांच मंजिला एस्प्लानेड मैंशन, जिसे पूर्व में वाटसन्स होटल के नाम से जाना जाता था, ‘दुनिया के 100 जर्जर स्मारकों’ में दर्ज है। 

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