इंदौर नगर निगम के बजट सम्मेलन में बृहस्पतिवार को उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति बन गयी, जब बैठक स्थल में घुसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भाजपा के पार्षदों को कथित तौर पर गाली-गलौज और हाथापाई करते देखा गया। चश्मदीद लोगों ने बताया कि नगर निगम के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान कम से कम 10 कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी पार्टी के झंडों के साथ नारेबाजी करते हुए स्कीम नम्बर 78 क्षेत्र के बैठक स्थल में दाखिल हो गए।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और भाजपा पार्षदों के बीच कहा-सुनी से शुरू हुआ झगड़ा भिड़ंत में बदल गया। बीच-बचाव के बाद मामला शांत किया गया। इसके बाद शहर की महापौर और स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ पार्टी के कई नेताओं के साथ लसूड़िया पुलिस थाने पहुंचीं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
पुलिस ने जब जांच के बाद ही प्राथमिकी दर्ज किए जाने की बात की, तो वह भाजपा नेताओं के साथ पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठ गयीं। गौड़ ने कहा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बुरे बर्ताव के कारण नगर निगम के इतिहास में आज काला दिन दर्ज किया गया। जब कांग्रेस कार्यकर्ता बैठक स्थल में हाथापाई कर रहे थे, तब वहां तैनात पुलिस अफसरों ने अपनी आंखें मूंद लीं क्योंकि वे सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के दबाव में हैं।’
थाने के सामने भाजपा नेताओं के करीब तीन घंटे चले धरने के बाद पुलिस ने कांग्रेस के छह संदिग्ध कार्यकर्ताओं के खिलाफ मारपीट, गाली-गलौच और धमकाने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की। लसूड़िया पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्राथमिकी भाजपा पार्षद सुधीर देड़गे की शिकायत पर दर्ज की गयी।
देड़गे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि वॉर्ड क्रमांक 21 की कांग्रेस पार्षद माधवी चौकसे के पति चिंटू चौकसे के नेतृत्व में उनके ‘गुंडों’ ने उनके साथ झूमा-झटकी कर उनका कुर्ता फाड़ दिया। चिंटू चौकसे ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी वॉर्ड क्रमांक 21 में जल संकट और नगर निगम के अफसरों की कथित निष्क्रियता के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। लेकिन भाजपा पार्षदों ने उनकी बात सुनने के बजाय उनसे विवाद किया।