अधिकारियों ने कहा कि रायगढ़ जिला एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोयला सचिव मीणा ने अपने दौरे के दौरान रेल रेक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कोयला सचिव अमृत लाल मीणा छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन शनिवार को खरसिया रेलवे स्टेशन से पावर वैगन के जरिए छल पहुंचे और छल गांव के पास कोल साइडिंग का उद्घाटन किया। इस अवसर पर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (CMD) डॉ प्रेम सागर मिश्रा और SECL के कार्यकारी निदेशक भी उपस्थित थे। इस मौके पर कोयला सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत देश में कोयले की ढुलाई से जुड़े बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है।
सीधे रेल मार्ग से जोड़ेगी
उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह रेल गलियारा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।”उन्होंने स्थानीय प्रशासन और उपस्थित निवासियों से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में हर संभव सहयोग देने का भी आह्वान किया। विज्ञप्ति के अनुसार चाल साइडिंग का निर्माण छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) फेज वन परियोजना के तहत किया गया है और यह रायगढ़ क्षेत्र की छाल खदान को सीधे रेल मार्ग से जोड़ेगी और रेल द्वारा कोयले का प्रेषण सीधे यहां से किया जाएगा, जो कोयला प्रेषण में समय और धन दोनों की बचत होगी।
रेल से जोड़ना है
3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रही छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल) फेज 1 परियोजना का लक्ष्य मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स को रेल से जोड़ना है। इस 124 किलोमीटर लंबी परियोजना के तहत खरसिया से धरमजयगढ़ तक 74 किलोमीटर लंबी मुख्य रेल लाइन, घरघोड़ा से पेल्मा तक 30 किलोमीटर लंबी स्पर लाइन और छल, बड़ौद से 20 किलोमीटर लंबी फीडर लाइन, और दुर्गापुर का निर्माण किया जा रहा है। कोयला भंडार की दृष्टि से कोरबा कोलफील्ड्स के बाद मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स का स्थान आता है और जैसे-जैसे कोयला उत्पादन का विस्तार होगा, ये रेल परियोजनाएं आने वाले समय में अधिक से अधिक कोयला भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया
स्थानीय प्रशासन की ओर से रायगढ़ जिलाधिकारी तरण प्रकाश सिन्हा व रायगढ़ एसपी सदानंद कुमार व एसईसीएल रायगढ़ क्षेत्र महाप्रबंधक हेमंत शरद पाण्डेय उपस्थित रहे। कोयला सचिव मीणा ने एसईसीएल कोरबा कोलफील्ड्स में विकसित हो रहे सीईडब्ल्यूआरएल रेल प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। मीणा ने अपने दौरे के दूसरे चरण में एसईसीएल के कोरबा कोलफील्ड्स में छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईडब्ल्यूआरएल) परियोजना के तहत गेवरा रोड से पेंड्रा रोड तक बन रही रेलवे लाइन का निरीक्षण किया। उन्होंने एसईसीएल के सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा व एसईसीएल के कार्यकारी निदेशकों के साथ पुल संख्या-1 का निरीक्षण किया। उरगा कुसमुंडा कनेक्टिविटी लाइन के 3। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से बात कर परियोजना की प्रगति की जानकारी ली और आवश्यक निर्देश जारी किये।
अहम भूमिका निभाएगी
विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोरबा कोलफील्ड में संचालित एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं से कोयले के परिवहन में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी। यह परियोजना 191 किमी लंबी है जिसमें 135.3 किमी की मुख्य लाइन का कार्य शामिल है। इस परियोजना में गेवरा रोड, सुरकछार, दीपका, कटघोरा रोड, बिझारा, पुटुआ, मतीन, सेंदुरगढ़, पुट्टीपाखाना, भादी, धंगावां और पेंड्रा रोड स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों पर पूरे कॉरिडोर में रेलवे लाइन के साथ-साथ यात्री सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। “CEWRL परियोजना की कुल लागत लगभग 4970 करोड़ रुपये है और इसकी मुख्य लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी पूरी हो चुकी है। परियोजना के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है”, विज्ञप्ति को आगे पढ़ें।