मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल गैस त्रासदी की 38 वीं बरसी पर पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को विभिन्न धर्मगुरुओं के साथ प्रार्थना सभा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड कंपनी की ‘गलती और लापरवाही’ के कारण में भोपाल में एक ‘अविस्मरणीय’ आपदा हुई जिसने बड़े पैमाने पर मानव जीवन छीन लिए।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने की जरुरत पर बल दिया। यूनियन कार्बाइड की कीटनाशक कारखाने से दो और तीन दिसंबर 1984 की रात जहरीली गैस के रिसाव ने भोपाल में हजारों लोगों की जान ले ली। इसे दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है।
सर्वधर्म प्रार्थना सभा यहां बरकतउल्ला भवन में आयोजित किया गया, जहां प्रतिभागियों ने गैस पीड़ितों की याद में दो मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा, ‘‘अगर मानवीय भूल से किसी की जान जाती है तो यह दुखद है…. यूनियन कार्बाइड की गलती और लापरवाही से मानव जीवन का नुकसान हुआ है।’’
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों मासूम बच्चों और नौजवानों की जान चली गई और गैस रिवास के बाद लोग भाग खड़े हुए। 38 साल पहले हुई गैस त्रासदी अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भोपाल गैस त्रासदी से सबक सीखना होगा। हममें से प्रत्येक को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। जो लोग जिम्मेदारी से काम नहीं करते हैं उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना गलत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विकास के लिए प्रकृति को नष्ट करना सही नहीं है। नदी प्रदूषण हर जगह बढ़ रहा है। अगर हम परवाह नहीं करते हैं, तो ग्लोबल वार्मिंग बढ़ेगी। प्रकृति का शोषण असंतुलन पैदा करता है।’’ सीएम शिवराज ने कहा कि भोपाल गैस त्रासदी हमारे लिए एक संदेश है कि हमें प्रकृति का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए और खतरनाक स्तर तक इसका दोहन बंद करना चाहिए। उन्होंने लोगों से भावी पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण को बचाने की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया।