महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने राज्य की पूर्व सरकार द्वारा लिए गए नाम को बदलने के फैसले पर रोक लगी दी है। नई सरकार नए सिरे से इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखेंगी। उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देने से पहले अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर, उस्मानाबाद का धाराशिव और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम डीबी पाटिल के नाम पर रखने की घोषणा की थी।
आपको बता दें कि राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण को साबित करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी। गवर्नर ने कहा था कि सरकार अल्पमत में है, ऐसे समय में आप लोकलुभावन निर्णय नहीं ले सकते हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी यही मुद्दा उस समय उठाया था।
बिना किसी पूर्व परामर्श के लिया गया था नाम बदलने का फैसला : पवार
नाम बदलने के ऐलान पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि “इन स्थानों का नाम बदलना एमवीए के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा नहीं था”। उन्होंने कहा कि यह मुझे निर्णय लेने के बाद ही पता चला। यह बिना किसी पूर्व परामर्श के लिया गया था। प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक के दौरान हमारे लोगों द्वारा राय व्यक्त की गई थी। लेकिन निर्णय (तत्कालीन) मुख्यमंत्री (ठाकरे) का था।”