महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने शुक्रवार को कहा कि अजित पवार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के उपमुख्यमंत्री हैं और वित्त विभाग भी उनके पास है, इसलिए श्री शिंदे अपने तख्तापलट को सही ठहराने का उच्च नैतिक आधार खो चुके हैं।
शिवसेना के 40 विधायकों ने दलबदल किया था
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिंदे ने पिछले वर्ष तत्कालीन महा विकास अघाड़ (एमवीए) सरकार में राजनीतिक उथल-पुथल मचाया था, जिसके कारण शिवसेना के 40 विधायकों ने दलबदल किया था। उस समय, श्री शिंदे ने राकांपा प्रमुख पवार पर शिवसेना विधायकों के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार करने और विभागों का बंटवारा समान रूप से करने में विफल रहने का आरोप लगाया था।
पहले भाजपा के देवेंद, फडणवीस के साथ हाथ मिलाया था
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि ‘‘श्री शिंदे ने राकांपा विधायक दल में टूट कर राज्य सरकार में शामिल होने वाले विधायकों को विभाग आवंटित किया है इसलिए अब वह अपने तख्तापलट को सही ठहराने के लिए उच्च नैतिक आधार का दावा नहीं कर सकते।’’ श्री तापसे ने कहा कि एक विशेष पहलू जिसने जनता का ध्यानाकर्षित किया, वह अजीत पवार द्वारा सहन की गई प्रतीक्षा अवधि थी, जिन्होंने इससे पहले भाजपा के देवेंद, फडणवीस के साथ हाथ मिलाया था। उन्होंने कहा कि पवार को महत्वपूर्ण वित्त और योजना विभाग मिलने से पहले धैर्यपूर्वक बारह दिनों तक इंतजार करना पड़ और इस देरी ने सत्तारूढ़ गठबंधन में गतिशिलता की चर्चाओं को जन्म दिया है।