मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज उत्तराखंड बिनेट की अहम बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने इन प्रमुख बिंदुओं पर सहमति जताई।
केंद्र सरकार द्वारा साल 2008 में ऊर्जा विभाग में जलविद्युत नीति लाई, उसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी
केंद्र सरकार द्वारा साल 2008 में ऊर्जा विभाग में जलविद्युत नीति लाई गई थी। इसे आज तक लागू नहीं किया गया था, जिसे आज कैबिनेट बैठक में लागू कर दिया गया. 12 प्रतिशत बिजली की बजाय अब 13 प्रतिशत बिजली जल विधुत परियोजनाओं से 1प्रतिशत जो अतरिक्त बिजली सरकार को मिलेगी उस पैसे से जल विद्युत परियोजना से प्रभावित लोगो को दिया जाएगा। वित्त विभाग में कई अधिकारियों के अधिकार को बढ़ाया गया है।
पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 1 अप्रैल को 6 वर्ष की आयु होने पर मुहर
मसूरी क्षेत्र को पूर्ण तहसील बनाने को मंजूरी। PWD विभाग के अंतर्गत नई नियमावली को दी गई मंजूरी. नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 1 अप्रैल को 6 वर्ष की आयु होने पर मुहर लगाई। लघु सिंचाई विभाग की सेवा नियमावली में बदलाव करते हुए 75 की जगह 85 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरने को मंजूरी। पुलिस दूरसंचार विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी, 2 पद स्वीकृत, 8700 ग्रेड पे के 2 पद स्वीकृत। कैबिनेट ने 13 पीपीएस पदों को मंजूरी दी. पशुपालन विभाग के तहत वेटरनरी कर्मियों को पहाड़ में सेवा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के लिए बढ़ाई गई प्रति कृत्रिम गर्भाधान पर राशि। उत्तराखंड में होने वाली राष्ट्रीय खेलों के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया।
पहाड़ी इलाकों में सब्सिडी बढ़ाई गई
एमएसएमई विभाग की नई नीति में बदलाव किये गये। पहाड़ी इलाकों में सब्सिडी बढ़ाई गई. मैदानों की अपेक्षा पहाड़ों में सब्सिडी अधिक रखी गयी है। टाटा कंपनी कौशल विकास के तहत आईटीआई संस्थानों में प्रशिक्षण भी देगी। आईटीआई संस्थानों को मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित किया जाएगा। इसे टाटा ग्रुप सरकार के साथ मिलकर चलाएगा. आईटीआई संस्थान चौरासी कुटिया स्वर्गाश्रम को फॉरेस्ट विभाग के साथ एचसीपी कंपनी विकास करेगी। हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा। 6 महीने में डीपीआर बन जाएगी।
अब सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य
अब सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हुआ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने फैसला लिया। उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी को कैबिनेट ने मंजूरी दी। उच्च शिक्षा विभाग के तहत छात्र वृत्ति योजना में संशोधन किया गया। अब फैकल्टी के अनुसार 10 प्रतिशत छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिलेगी। उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मंजूरी मिली।