कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को मंजूरी - Punjab Kesari
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कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को मंजूरी

उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक बुधवार को सचिवालय में हुई जिसमें 14 बिंदु मंत्रीमंडल के समक्ष रखे गए जिनमें

उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक बुधवार को सचिवालय में हुई जिसमें 14 बिंदु मंत्रीमंडल के समक्ष रखे गए जिनमें 12 बिंदुओं पर मुहर लगी। इसके अलावा कैबिनेट ने आज राज्य की जनता को एक बड़ सौगात देते हुए मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना को मंजूरी दी है। 
इस योजना के तहत अब राज्य में 23 लाख 80 हजार कार्ड धारकों को 2 किलो दाल सरकारी सस्ते गले की दुकानों पर मिल सकेंगी, जिसमें 15 रूपये की सब्सीडी सरकार की तरफ से दी जाएगी। 
इसके अलावा राज्य के उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों को सरकार ने मानदेय में इजाफ किया है,जिसके तहत अब तीन अलग-अलग श्रेणी की जगह एक सम्मान सभी गेस्ट टीचरों को 35 हजार का मानदेय मिलेगा,जो अभी तक गेस्ट टीचरों को तीन श्रेणी में 15, 25 और 33 हजार के तहत मिलता था। 
बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार उच्च शिक्षा राजकीय महाविद्यालय गेस्ट टीचर फेकेल्टी के मानदेय प्रावधान में वृद्धि की गई है। अब इसके अन्तर्गत गेस्ट टीचर फेकेल्टी को 35,000 रूपये की राशि निर्धारित की गई है। टाइम टेबल बनाने की जिम्मेदारी महाविद्यालय की होगी। इससे कुल 557 गेस्ट टीचरों को इसका लाभ मिलेगा।
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि, राजकीय सेवायें/निगम/सार्वजनिक संस्थाओं में सीधी भर्ती हेतु आरक्षण व्यवस्था रोस्टर पुर्ननिर्धारण के लिए केबिनेट मंत्री श्री आर्या की अध्यक्षता में समिति बनाई गई। इसके अन्य सदस्य केबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और केबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय भी रहेंगे। इसके अलावा उत्तराखण्ड सार्वजनिक रूप से विकलांग, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों एवं भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण व्यवस्था में संसोधन करते हुये पुत्र/पुत्री को भी लाभ देने का निर्णय लिया गया है। 
मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के अन्तर्गत कुल 23 लाख 80 हजार राशन कार्ड धारकों को मसूर, चना, मलका दाल के अन्तर्गत कुल 2 किलो दाल के लिए 15 रूपये की सब्सिडी दी जायेगी। दाल की कीमत भारत सरकार निर्धारित करेगी। उन्होने बताया कि, सचिवालय स्तर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग का एकीकरण किया गया है। मूल विभाग यथावत रहेंगे। 
उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम-ंउचय2003 एक्ट में संसोधन के अन्तर्गत अधिक सवारी पर प्रति सीट 25 रूपये और वातानुकुलित के लिए 40 रूपये जुर्माने के वृद्धि दर को वापस लिया गया। पूर्व व्यवस्था के अनुसार अधिक सवारी पाये जाने पर 5 गुना टैक्स जुर्माना लिया जायेगा। इसमें ड्राइवर कन्टेक्टर शामिल नहीं रहेगा। 
निर्णय के अनुसार प्रशासन स्तर पर योजानओं परियोजनाओं के गठित वित्त समिति मुख्य सचिव द्वारा नामित प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे। अन्य विभागीय सचिव भी इसमें शामिल रहेंगे। सचिवालय स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी दो अलग-ंउचयअलग विभागों का एकीकरण किया गया है। मूल विभाग यथावत रहेंगे। अब यह सूचना विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग होगा। 
बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार उत्तराखण्ड लोक सेवा अभिकरण शिकायतों का कार्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को दिया गया है। 2009 में आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय अधिनियम के अन्तर्गत डा। मृत्युन्जय मिश्रा के संविलियन को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा अधीनस्थ सेवाएं किसी अन्य में संसोधन किया गया है।

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