उत्तराखंड में बादल फटने, भूस्खलन से दो लोगों की मौत, आधा दर्जन लापता - Punjab Kesari
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उत्तराखंड में बादल फटने, भूस्खलन से दो लोगों की मौत, आधा दर्जन लापता

आईटीबीपी तथा रेड क्रॉस की टीमें मौके के लिये भेज दी गयी हैं लेकिन लगातार भारी बारिश के

उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी जबकि आधा दर्जन अन्य लापता हैं। उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात बादल फटने से यमुना की सहायक नदियों में आयी बाढ ने कई गांवों में तबाही मचायी जिसमें आराकोट, माकुडी और टिकोची आदि में कई मकान ढह गये। 
प्रदेश के आपदा सचिव एस मुरूगेशन ने बताया कि आराकोट और स्नाइल गांवों में दो व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि अन्य जगह भी छह व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली है। 
उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचने के लिये हेलीकॉप्टरों की सेवायें लेने का प्रयास किया गया किंतु खराब मौसम के कारण यह संभव नहीं हो पाया । 
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि उनके द्वारा बचाव और राहत कार्यों में शिमला व देहरादून के जिलाधिकारियों से सहयोग मांगा गया है। 
उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस व आईटीबीपी तथा रेड क्रॉस की टीमें मौके के लिये भेज दी गयी हैं लेकिन लगातार भारी बारिश के कारण बचाव और राहत कार्यों में बाधा पड़ रही है।
 
लगातार बारिश तथा मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए जिलाधिकारी चौहान ने कक्षा एक से 12 तक के सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में 19 अगस्त को अवकाश घोषित कर दिया है। देहरादून के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए स्कूलों में छुटटी घोषित कर दी है। 
चौहान ने अधिकारियों को अर्लट मोड पर रहने के निर्देश देते हुए तहसील स्तर पर लाईट, सेटेलाईट फोन व आपदा उपकरणों को चालू हालात में रखने को कहा है ताकि आपात स्थिति में इनका उपयोग किया जा सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अपने क्षेत्र की नदियों तथा बरसाती नदी-नालों पर भी विशेष नजर बनाये रखने को कहा है। 
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उत्तरकाशी के आराकोट व उसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश और आपदा के प्रभावितों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने से यात्रा अवरूद्ध हो गयी है। केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी पर बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके चलते उसे बीच में ही रोकना पड़ा। 
इसी प्रकार बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर भी कई जगह भूस्खलन होने से यातायात अवरूद्ध है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि इससे चारधाम यात्रा पर केवल आंशिक प्रभाव पड़ा है । कैलाश-मानसरोवर यात्रा मार्ग में भूस्खलन का मलबा आ जाने के कारण यात्रा प्रभावित हुई है तथा तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगह पर ले जाया जा रहा है । 
देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में भारी बारिश के चलते एक कार बरसाती नदी में गिर गयी जिसमें एक महिला बह गयी। 

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