क्रोनिक हेपेटाइटिस बी. से लिवर सिरोसिस तथा लिवर कैंसर होने की आशंका : डा. अवनीश कुमार - Punjab Kesari
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क्रोनिक हेपेटाइटिस बी. से लिवर सिरोसिस तथा लिवर कैंसर होने की आशंका : डा. अवनीश कुमार

उपलब्ध हैं जो हेपेटाइटिस बी के कीटाणु को नियंत्रित कर सकती है। इससे लिवर को नुकसान से बचाया

गया : मीर अबु सालेह रोड, मुरारपुर, गया स्थित इन्दुब्रज गैस्ट्रो केयर क्लिनिक में गैस्ट्रो इंटेरोलौजिस्ट डा. अवनीश कुमार ने हेपेटाइटिस से बचने के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि हेपेटाइटिस बी पूरे विष्व में लिवर संक्रमण का सबसे सामान्य कारण है। यह हेपेटाइटिस बी वायरस के कारण होता है। यह सामान्यतया संक्रमित खून चढ़ाने से, असुरक्षित यौन संबंध से, संक्रमित माता से नवजात शिशु में तथा एक ही सूई से कई लोगों को इंजेक्शन लगाने से होता है। पूरे विश्व में 400 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं। लगभग सात लाख लोग प्रतिवर्ष हेपेटाइटिस बी के कारण मरते हैं।

हेपेटाइटिस बी एक खतरनाक संक्रमण है क्योंकि यह किसी तरह का लक्षण नहीं दिखाता है। अधिकतर लोग इसके संक्रमण से अनभिज्ञ रहते हैं। ऐसे लोग दूसरे लोगों में हेपेटाइटिस बी के संक्रमण के खतरे को बढ़ाते हैं। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी से लिवर सिरोसिस तथा लिवर कैंसर होने की संभावना बढ जाती है। लिवर सिरोसिस को आमतौर पर जौंडिस, पेट में पानी आना, खून की उल्टी होना, काला पैखाना होना, बेहोशी के लक्षणों से पहचान सकते हैं। हेपेटाइटिस बी का इलाज संभव है। ऐसी दवाईयॉ उपलब्ध हैं जो हेपेटाइटिस बी के कीटाणु को नियंत्रित कर सकती है। इससे लिवर को नुकसान से बचाया जा सकता है बशर्तें इसका इलाज सही समय पर हो।

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