दिल्ली में शराब घोटाले के बाद अब छत्तीसगढ़ से भी शराब घोटाले का मामला सामने आया है। दरअसल शराब घोटाले को लेकर (ईडी) ने रविवार को आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में बेची गई शराब की ‘‘हर बोतल पर अवैध रूप’’ से धन एकत्रित किया गया और रायपुर महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर की अगुवाई वाले शराब सिंडिकेट द्वारा दो हजार करोड़ रुपये के ‘‘अभूतपूर्व’’भ्रष्टाचार और धनशोधन के सबूत एकत्रित किये गए हैं।
धनशोधन का मामला दर्ज
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अनवर ढेबर को संघीय एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत शनिवार तड़के रायपुर के एक होटल से तब गिरफ्तार किया जब वह ‘‘पिछले दरवाजे से भागने’’ की कोशिश कर रहे थे।
मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई
विशेष पीएमएलए अदालत ने बाद में उन्हें चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया जबकि उनके वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ प्रतीत होती है और वे इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।
बेनामी सिम कार्ड का कर रहे थे इस्तेमाल
एजेंसी ने कहा कि अनवर ढेबर सात बार तलब किए जाने के बावजूद मामले की जांच में शामिल नहीं हुए और आरोप लगाया कि वह ‘लगातार बेनामी सिम कार्ड और इंटरनेट डोंगल का उपयोग कर रहे थे और अपना ठिकाना बदल रहे थे।