Chhattisgarh: सीएम भूपेश बघेल ने कहा-आरक्षण विधेयकों पर राज्यपाल के सवालों के जवाब दिये गये - Punjab Kesari
Girl in a jacket

Chhattisgarh: सीएम भूपेश बघेल ने कहा-आरक्षण विधेयकों पर राज्यपाल के सवालों के जवाब दिये गये

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में आरक्षण का दायरा

छतीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने औपचारिक रूप से रविवार को स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने आरक्षण का दायरा 76 प्रतिशत तक बढ़ाने वाले दो संशोधन विधेयकों पर राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब सौंप दिये हैं।
CM Bhupesh Baghel Government Will Complete Three Years In Chhattisgarh On  December 17 ANN | Raipur News: भूपेश बघेल के तीन साल के कार्यकाल में कितना  बदला छत्तीसगढ़, बीजेपी का निशाना ...
बघेल ने यहां पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल को अब विधेयकों पर अपनी सहमति देनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा उनके सवालों का जवाब देने के बाद वह सहमति दे देंगी। राज्य विधानसभा ने प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों की जनसंख्या के अनुपात के अनुसार, सरकारी नौकरियों में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से संबंधित दो विधेयक- छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण) संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ शैक्षिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) संशोधन विधेयक- दो दिसंबर को पारित किये थे। विधेयकों के अनुसार, सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
CM भूपेश बघेल ने कहा- कांग्रेस पार्टी एक विचार है और इसका कोई ढांचा नहीं  होता, नींव होती है | Bhupesh Baghel Update | Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel  On Congress Infighting - Dainik ...
विधेयक राज्यपाल के पास सहमति के लिए लंबित थे, जिन्होंने अपनी स्वीकृति देने से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से 10-बिंदुओं पर विवरण मांगा था। इस बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा, ”जवाब राज्यपाल को भेज दिया गया है। संविधान में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन राज्यपाल ने विभागों से ब्योरा मांगा था और जवाब पेश कर दिया गया है। अब उन्हें विधेयकों पर अपनी सहमति देनी चाहिए।’’ इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार को आरक्षण विधेयकों पर राज्यपाल को अपना जवाब सार्वजनिक करना चाहिए। इस साल सितंबर में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने के पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार के 2012 के आदेश को रद्द करने के बाद आरक्षण का मुद्दा भड़क उठा। अदालत ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाये जाने को असंवैधानिक करार दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

8 + eighteen =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।