प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि, उसने झारखंड और बिहार में अवैध खनन और जबरन वसूली से संबंधित धन शोधन रोकथाम मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा, बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश के खिलाफ विशेष रांची अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया है। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में ले लिया है।
ईडी ने जांच में हथियार सहित खनन करने व ढोने वाले जब्त किए मोटर वाहन
ईडी ने कहा कि, जांच के दौरान कई तारीखों में पूरे भारत में 47 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें 5.34 करोड़ रुपये नकद, 13.32 करोड़ रुपये की बैंक राशि, एक नाव, 5 स्टोन क्रशर, दो ट्रक, दो एके 47 असॉल्ट राइफल के साथ आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। इससे पहले ईडी ने पंकज मिश्रा, बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी 1000 करोड़ से अधिक की पीओसी की कर चुकी हैं पहचान
एजेंसी ने मिश्रा और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत झारखंड के साहेबगंज जिले के बरहरवा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की। बाद में, आईपीसी, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज अवैध खनन के संबंध में कई प्राथमिकी को भी अपराध के दायरे में जोड़ लिया गया। अब तक ईडी इस मामले में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन से संबंधित पीओसी की पहचान कर चुकी है।
सीएम का प्रतिनिधि होने के साथ -साथ अवैध खनन करने को करता था नियंत्रित
पीएमएलए की जांच से पता चला है कि मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि होने के नाते राजनीतिक दबदबे का आनंद लेने वाले मिश्रा अपने सहयोगियों के माध्यम से साहेबगंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन व्यवसायों के साथ-साथ अंतर्देशीय नाव सेवाओं को नियंत्रित करता था। ईडी अधिकारी ने कहा, वह स्टोन चिप्स और बोल्डर के खनन के साथ-साथ साहेबगंज में कई खनन स्थलों पर स्थापित क्रशरों के संचालन पर नियंत्रण रखता है। पंकज मिश्रा द्वारा अवैध गतिविधियों से ‘अर्जित’ लगभग 42 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति की पहचान की गई है।