हरिद्वार जिले में 100 करोड़ रुपये के एससी/ एसटी स्कॉलरशिप घोटाले के मामले में 12 लोगों की गिरफ्तारी के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। cपुलिस ने मंगलवार को कहा कि जांच पूरी होने पर कुछ और गिरफ्तारियां होने की संभावना है। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह केवल शुरुआत है। हम जल्दी ही देहरादून जिले में भी जांच करेंगे।
मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं क्योंकि यह एक बड़ा घोटाला है।’ हाल ही में इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए राज्य के समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक अनुराग शंखधर को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि यह घोटाला 2016 में तब सामने आया, जब राज्य सतर्कता विभाग के निदेशक अशोक कुमार ने नकली पहचान के जरिए उत्तराखंड के छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप में राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुछ शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।
2017 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की निगरानी में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के आदेश दिए। समाजिक कार्यकर्ताओं ने घोटाले में हरिद्वार के दर्जनों शिक्षण संस्थानों की भागीदारी का दावा किया है।
उत्तराखंड और अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में एससी/एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति को फर्जी पहचान के जरिए हड़पने में कई शिक्षण संस्थानों की कथित संलिप्तता सामने आई है। घोटाले की जांच में आए अधिकांश शैक्षणिक संस्थान हरिद्वार और देहरादून के जिलों में हैं। पुलिस ने कहा कि रुड़की के आईएमएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने अकेले ही 4.13 करोड़ रुपये की चपत लगाई। इस संस्थान के चार शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।