झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने वृद्धावस्था पेंशन सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत बुधवार को करीब 2.04 लाख लाभार्थियों के बीच 43.85 करोड़ रुपये की राशि वितरित की। मुख्यमंत्री ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 1.58 लाख लाभार्थियों के खाते में कुल 31.64 करोड़ रुपये अंतरित किए जबकि ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ के तहत तीन हजार लोगों में आठ करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई।
प्रत्यक्ष अंतरण के तहत 4,500 लड़कियों के खाते में ‘सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना’ की राशि अंतरित की गई।
Highlights
- 2.04 लाख लाभार्थियों के बीच 43.85 करोड़ रुपये किए वितरित
- पेंशन की अर्हता में बदलाव
- आदिवासियों और दलितों की स्थिति अधिक दयनीय
पेंशन की अर्हता में बदलाव
राज्य सरकार ने हाल में पेंशन की अर्हता में बदलाव किया था और महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों के लिए वृद्धावस्था पेंशन की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर दी थी। रांची के हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में लाभार्थियों को संबोधित करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक स्थिति ‘बहुत ही दयनीय’ है।
आदिवासियों और दलितों की स्थिति अधिक दयनीय
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं, आदिवासियों और दलितों की स्थिति अधिक दयनीय है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी स्थिति से चिंतित थे और इसलिए सार्वभौमिक पेंशन योजना की शुरुआत की। उन्होंने महिलाओं, एससी, एसटी लोगों के लिए पेंशन प्राप्त करने की उम्र घटा दी थी।’’
मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया ‘‘ उसने आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया जबकि 2000 में बिहार से अलग होने के बाद अधिकतर समय उसका शासन था। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘पूर्ववर्ती ‘डबल इंजन’ सरकार ने राज्य के विकास को निचले स्तर पर पहुंचा दिया।
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