सीबीआई अधिकारियों ने 10 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में सेना दक्षिण पश्चिमी कमान से जुड़े एक भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) अधिकारी को गिरफ्तार किया है। दरअसल उसके पास से तलाशी के दौरान 40 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 1998 बैच के आईडीएएस अधिकारी उमाशंकर प्रसाद कुशवाहा को गिरफ्तार किया जो जयपुर में दक्षिण पश्चिमी कमान में एकीकृत वित्तीय अधिकारी (आईएफए) के तौर पर तैनात थे। इसके अलावा आईएफए कार्यालय में लेखाधिकारी के तौर पर पदस्थ राम रूप मीणा, कनिष्ठ अनुवादक विजय नामा और जयपुर स्थित तनुश्री सर्विसेज के कथित बिचौलिये राजेंद्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में अधिकारी का क्या कहना है?
अधिकारियों ने कहा, कि बृहस्पतिवार को रिश्वतखोरी के आरोप में जींद स्थित हाईटेक सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सुनील कुमार, गंगानगर स्थित ईएसएस पीईई ट्रेडर्स के प्रबजिंदर सिंह बराड़ और बठिंडा स्थित डीके एंटरप्राइजेज के दिनेश कुमार जिंदल को भी गिरफ्तार किया गया। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, ऐसा आरोप था कि तीन निजी फर्मों के अभियुक्तों ने एक षडयंत्र रचा जिसके तहत दक्षिण पश्चिमी कमान में विभिन्न स्थानों के लिए संरक्षण सेवाओं की आउटसोर्सिंग से संबंधित सभी कार्य वे प्राप्त कर रहे थे और उक्त कार्यों को प्रदान करने के बदले अनुचित लाभ दे रहे थे। ऐसा करते हुए वे जीईएम के प्रावधानों की अनदेखी के साथ ही बिना किसी आपत्ति के बिलों के भुगतान ले रहे थे।कंपनियों ने बिना किसी आपत्ति के अपने बिलों की मंजूरी प्राप्त करने के लिए कथित तौर पर आईएफए अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश रची थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कुशवाहा, मीणा, नामा और सिंह मिलीभगत से नियमित रूप से आरोपी निजी ठेकेदारों से उनके बिलों को चुकाने और अनुबंध प्राप्त करने और लिए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर उनका पक्ष लेने के लिए सुविधाएं और रिश्वत प्राप्त कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि सभी गिरफ्तार आरोपियों को हरियाणा के पंचकुला में एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। संघीय जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा, “जयपुर, जींद, बठिंडा और गंगानगर सहित नौ अलग-अलग स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें (लगभग) 40 लाख रुपये की नकदी, लोक सेवकों से संबंधित विभिन्न संपत्ति के दस्तावेज और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।