देहरादून : अटल आयुष्मान योजना में स्वास्थ्य विभाग ने लाखों की गड़बड़ी पकड़ी है। वित्तीय अनियमितताओं के पकड़े गए लगभग आधा दर्जन मामलों में 60 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। सभी मामलों में योजना के लाभार्थियों को इलाज तो दिया गया, लेकिन उसमें रेफर करने के नाम पर चुनिंदा संस्थानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। सूत्रों के मुताबिक, सरकारी डाक्टरों की मिलीभगत से इस कारनामे को अंजाम दिया गया है। मामला स्वास्थ्य सचिव नीतेश झा की जानकारी में आने के बाद अब संस्थानों और चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
अटल आयुष्मान योजना की लांचिंग के पांच माह बाद प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों और सरकारी डाक्टरों की मिलीभगत के मामले सामने आए हैं। सभी मामले ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिले के हैं। ऊधमसिंह नगर जिले में एक सरकारी अस्पताल की महिला विशेषज्ञ डाक्टर कई दिनों से मरीजों को एक निजी संस्थान में रेफर कर रही थी, जबकि उस संस्थान में कोई महिला विशेष चिकित्सक तक तैनात नहीं थी। पड़ताल में पता चला कि सरकारी डाक्टर शाम को खुद निजी अस्पताल में जाकर सर्जरी करती रही।
हरिद्वार में मिले एक मामले में हायर सेंटर में रेफर करने के नाम पर झबरेड़ा स्थित एक निजी क्लीनिक में मरीजों को रेफर किया जा रहा था। इसी तरह पकड़ में आए एक अन्य मामले में सरकारी विशेषज्ञ डाक्टर मरीज को इलाज के लिए जिस क्लीनिक में रेफर कर रहा था, वहां वो खुद इलाज करता था, जिससे क्लीनिक को मोटे बिल का भुगतान हो रहा था। इस तरह की गड़बड़ी वाले कुल 60 लाख रुपये के मामले सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव नीतेश झा को भेज दी है। सचिव ने सभी मामलों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। इन प्रकरणों में निजी संस्थानों पर रिकवरी की कार्रवाई के साथ सरकारी डाक्टरों पर भी गाज गिरेगी।