गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) को भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने बड़ा झटका दिया है। करीब 4 महीने पहले ‘आप’ के साथ गठबंधन का ऐलान करने वाली बीटीपी ने अब गठबंधन तोड़ने की घोषणा कर दी है। आप से गठबंधन तोड़ने पर बीटीपी प्रमुख छोटूभाई वसावा ने कहा कि आप सभी पर शासन करना चाहती है, जिसकी अनुमति नहीं दी जाएगी।
छोटूभाई वसावा ने मंगलवार को कहा कि “आम आदमी पार्टी सभी पर शासन करना चाहती है, लेकिन हम इसकी अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि वे बीजेपी के साथ हैं। टोपी पहनने वाले ये लोग हम पगड़ी पहनने वालों पर अत्याचार करते थे, हम आप का देशव्यापी विरोध करेंगे।” आप से गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस ने बीटीपी के साथ गठबंधन के संकेत दिए है, लेकिन कांग्रेस के स्थानीय नेता पार्टी के इस फैसले से नाखुश हैं।
अबकी बार गुजरात! केजरीवाल ने कहा- ‘AAP’ सरकार आई तो… गुजरात को बनाएंगे मुक्त भ्रष्टाचार
आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुएवसावा ने कहा, आम आदमी पार्टी और भारतीय ट्राइबल पार्टी ने मिलकर जनजातीय क्षेत्रों के लिए 14 मुद्दे तय किए थे जिनमें से रैलियों में आप ने उनकी सहमति के बगैर सिर्फ 6 मुद्दों की गारंटी की बात की थी। अगस्त में की गई बोदेली की रैली में आम आदमी पार्टी ने केवल 6 मुद्दों की गारंटी के साथ बात की थी। अब वसावा गुजरात विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेंगे।
गौरतलब है कि गुजरात की कुल आबादी में आदिवासियों की करीब 14.8 फीसदी हिस्सेदारी है और 27 सीटें अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीटीपी भले ही 2 विधायकों वाली पार्टी हो, लेकिन ‘आप’ को इसके साथ रहने से काफी फायदा हो सकता था।
गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए कई घोषणाएं कर चुकी ‘आप’ आदिवासी इलाकों में प्रचार-प्रसार पर काफी ध्यान दे रही है। खुद अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों आदिवासियों को केंद्र में रखकर कई वादे किए थे, जिनमें हर आदिवासी गांव में स्कूल और अस्पताल खोलना शामिल है।