पंजाब के बाद अब पश्चिम बंगाल में BSF जवान ने साथी जवान को गोली मारने के बाद आत्महत्या की - Punjab Kesari
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पंजाब के बाद अब पश्चिम बंगाल में BSF जवान ने साथी जवान को गोली मारने के बाद आत्महत्या की

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक शिविर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान ने सहकर्मी की

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में एक शिविर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान ने सहकर्मी की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुद को गोली मार ली, जिससे उसकी भी मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास काकमारीचर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर में तड़के 6 बजकर 45 मिनट पर हुई। 
शिविर अर्धसैनिक बल के बरहामपुर सेक्टर के अंतर्गत स्थित है, जो राज्य की राजधानी कोलकाता से लगभग 230 किलोमीटर दूर है। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा, ”दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, काकमारीचर सीमा चौकी पर करीब साढ़े छह बजे 117वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल जॉनसन टोप्पो ने हेड कांस्टेबल एच. जी. शेखरन को अपनी सर्विस राइफल से गोली मार दी और फिर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।” प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें सागरपाड़ा के एक अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 
अधिकारियों ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब वे सीमा पर अपनी रात की ड्यूटी खत्म करके अपने स्थान पर लौटे थे। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों को पिछले साल नवंबर में दर्ज एक मामले के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए सोमवार सुबह 10 बजे स्थानीय रानीनगर थाने जाना था। अधिकारियों ने कहा कि दोनों सैनिकों के बीच इस पुलिस मामले से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर कथित तौर पर टकराव हुआ, जिसके बाद टोप्पो ने शेखरन पर कथित तौर पर गोलियां चला दीं। 
पुलिस मामला बीएसएफ द्वारा पिछले साल बांग्लादेश सीमा पर एक किसान को कथित तौर पर हिरासत में लेने से संबंधित है। अधिकारियों ने कहा कि बीएसएफ ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया है। 
वहीं, पुलिस में भी मामला दर्ज कर लिया गया है। घटनास्थल पर बीएसएफ और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं। अधिकारियों ने कहा यह घटना पंजाब के अमृतसर में हुई ऐसी ही एक घटना के एक दिन बाद हुई है। पंजाब में हुई घटना में बीएसएफ के एक जवान ने अपने शिविर के अंदर कथित रूप से अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें उसके चार साथियों की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। वह शिविर पंजाब में भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017 से अब तक इस तरह की घटनाओं में बीएसएफ के 19 जवानों की जान जा चुकी है।
संसद में सरकार द्वारा साझा किए गए दिसंबर 2021 के आंकड़ों के अनुसार, 2019-2021 के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में इस तरह की कुल 25 घटनाएं हुईं। इनमें से सबसे ज्यादा 11 घटनाएं सीआरपीएफ में हुईं।उसके बाद बीएसएफ (नौ) का स्थान रहा। आंकड़ों में इन घटनाओं में हुई मौतों की संख्या नहीं बताई गई है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। अन्य सीएपीएफ जहां ऐसी घटनाएं हुईं, उनमें असम राइफल्स के अलावा सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी शामिल हैं।

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