एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनआईए को तीन जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तार की गईं भारद्वाज अब तक जेल में हैं।
भारद्वाज ने जमानत की गुहार लगाते हुए दलील दी थी कि निचली अदालत के न्यायाधीश को उनके खिलाफ दायर 2019 के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है क्योंकि उस समय न्यायाधीश यूएपीए से जुड़े मामलों पर सुनवाई के लिए एनआईए कानून के तहत विशेष न्यायाधीश नहीं थे।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने मंगलवार को एनआईए के वकील संदेश पाटिल को याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तारीख तय की।
सुधा भारद्वाज ने अपनी याचिका में सूचना के अधिकार कानून के तहत हाई कोर्ट से प्राप्त दस्तावेजों को आधार बनाते हुए तर्क दिया कि पुणे में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किशोर वदाने को पुणे पुलिस द्वारा फरवरी 2019 में दाखिल 1,800 पन्नों के पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है।