राज्यसभा के सांसद और शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लेते हुए उसपर छत्रपति शिवाजी के नाम पर वोट चाहने और कर्नाटक में उनकी प्रतिमा के साथ हुई तोड़फोड़ पर चुप रहकर ‘दोहरा मापदंड’ अपनाने का आरोप लगाया। शिवसेना नेता संजय राउत ने छत्रपति शिवाजी और स्वतंत्रता सेनानी संगोल्ली रायन्ना की प्रतिमा के तोड़फोड़ की पृष्टभूमि में अशांति पैदा करने के आरोप में महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) को प्रतिबंधित करने की चुनौती कर्नाटक की भाजपा सरकार को दी।
केंद्र इस मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रहा है-राउत
संजय राउत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘केंद्र इस मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपना रहा है।मतदाताओं को प्रलोभित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी गए और छत्रपति शिवाजी का उल्लेख किया कि उन्होंने कैसे मुगलों से लड़ा। लेकिन एक भी केंद्रीय मंत्री ने भाजपा शासित राज्य में छत्रपति शिवाजी के हुए अपमान पर एक शब्द तक नहीं बोला।’’
मराठी भाषी लोगों के लिए बलिदान दिया है और खून बहाया है
एमईएस के मुद्दे पर राउत ने कहा कि वह राजनीतिक संगठन नहीं है और गत 70 साल से बेलगाम क्षेत्र में मराठी भाषी लोगों के मुद्दों को उठा रहा है। शिवसेना सांसद ने कहा, ‘‘उन्होंने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमावर्ती इलाके में मराठी भाषी लोगों के लिए बलिदान दिया है और खून बहाया है।’’
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उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक सरकार ने गैर कानूनी तरीके से एमईएस के 200 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है और उनपर लाठी चार्ज किया। राउत ने कहा, ‘‘भाजपा के संवेदनशील नेता क्या कर रहे है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक चीज जिसपर बात हो रही है, वह है एमईएस पर प्रतिबंध। लेकिन मैं चुनौती देता हूं कि वे एमईएस को प्रतिबंधित करके दिखाएं।’’