भाजपा ने लद्दाख में पार्टी के उपाध्यक्ष नजीर अहमद को बर्खास्त कर दिया, क्योंकि उनके बेटे ने धर्म की बौद्ध लड़की को भगाकर शादी कर ली, इस घटना में वह भी शामिल थे या नहीं, यह साफ करने के लिए उन्हें पार्टी की तरफ से वक्त भी दिया गया था, बीजेपी ने इस घटना को सांप्रदायिक सद्भाव और एकता के लिए खतरा बताते हुए नजीर को प्रदेश उपाध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी वापस ले ली है। और पार्टी से भी निकाल दिया है।
जानिए नजीर अहमद पर क्या लगे है आरोप
नजीर अहमद के बेटे मंजूर अहमद पर आरोप है कि एक महीना पहले उन्होंने बौद्ध महिला को भगाकर उससे लव मैरिज की थी, पार्टी ने कहा, कि नजीर को मौका भी दिया गया कि वह इस घटना में अपनी संलिप्तता को लेकर स्पष्टीकरण दें, इसके बाद पार्टी ने उनसे उनकी सारी जिम्मेदारियां वापस लेने और पार्टी की सदस्यता भी रद्द करने का निर्णय लिया।
भाजपा ने नोटिस जारी कर मांगा था जवाब
बीजेपी ने इस मामले में नोटिस जारी कर कहा, ‘प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी सदस्यों के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि उपाध्यक्ष नजीर अहमद को उनके बेटे द्वारा बौद्ध महिला को भगाकर शादी करने में उनकी संलिप्तता स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त समय दिए जाने के बाद उपाध्यक्ष की जिम्मेदारियां उनसे वापस ली जाती हैं और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी निरस्त की जाती है,’ इसमें कहा गया कि लद्दाख के सभी धार्मिक समुदायों के लिए यह घटना अस्वीकार्य है क्योंकि यह सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को खतरे में डालती है।’
इस मामले को लेकर नजीर अहमद ने दी प्रतिक्रिया
पार्टी से बर्खास्त होने के बाद नजीर अहमद ने कहा, कि वह और उनका परिवार तो खुद इस शादी के खिलाफ था, उन्हें नहीं पता कि बेटा और बौद्ध महिला एक महीने से कहां हैं, अहमद ने बताया कि दोनों को ढूंढने के लिए उन्हें ट्रेस करने की कोशिश भी की गई, उनका कहना है कि जब वह हज के लिए सउदी अरब गए थे, उसी समय उनके बेटे ने बौद्ध महिला के साथ कोर्ट मैरिज कर ली, नजीर ने कहा, ‘पता नहीं बेटे की शादी के लिए मुझे क्यों जिम्मेदार माना जा रहा है, श्रीनगर समेत तमाम जगहों पर जाकर मैंने उन्हें देख पंरतु वह मुझे कही नहीं मिले, पार्टी से बर्खास्त होने से पहले नजीर अहमद ने कहा था उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा देने के लिए बात की है क्योंकि वह बेटे की लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रहे।