कर्नाटक में कांग्रेस के आरोप पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है। बता दें प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने को ‘दुखद’ बताया और आरोप लगाया कि यह उन्हें डराने और चुप कराने के लिए किया गया।
कर्नाटक पुलिस ने भाजपा के अमित मालवीय के खिलाफ कथित मानहानि और कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ लोगों को उकसाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।अब इस घटना पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर कांग्रेस पर निशाना साधा और आरोप लगाया, ‘‘अमित मालवीय के खिलाफ प्राथमिकी कुछ और नहीं बल्कि चुप कराने और डराने के लिए कानून के प्रावधानों का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादा से ज्यादा अगर राहुल गांधी किसी ट्वीट से व्यथित होते तो वह अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते थे।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बदला लेने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करना केवल यह दिखाता है कि कांग्रेस का अपना संचार और सोशल मीडिया तंत्र पूरी तरह से अक्षम है और इसलिए उसे अपनी लड़ाई लड़ने के लिए राज्य पुलिस की जरूरत है! दयनीय। अदालत में मिलते हैं।’’
The FIR against @amitmalviya is nothing but a malicious use of provisions of law to silence , intimidate.
At best, if Rahul Gandhi was aggrieved by any tweet, he could have filed a defamation case in court.
Using the state machinery to settle scores only shows that Congress’… https://t.co/yMhhre8ZWZ
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 28, 2023
मालवीय द्वारा किए गए एक ट्वीट के सिलसिले में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के सदस्य रमेश बाबू ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। ट्वीट के साथ साझा किए गए एक एनीमेटेड वीडियो में कथित रूप से राहुल गांधी और कांग्रेस को खराब तरीके से दर्शाया गया है।प्राथमिकी के अनुसार, मालवीय ने वीडियो ट्वीट करते हुए साथ में लिखा, ‘‘राहुल गांधी खतरनाक हैं और वे प्रपंच कर रहे हैं तथा सैम पी जैसे लोग अधिक खतरनाक हैं जो ‘रागा’ का राग अलाप रहे हैं। वे भारत के कट्टर विरोधी हैं, वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शर्मिंदा करने के लिए विदेशों में भारत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।’’मालवीय के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए), 120 (बी), 505 (2) और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और ‘सद्भाव बनाए रखने के लिए पूर्वाग्रहयुक्त कार्य करने’ और साजिश से संबंधित है।