मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनकी सरकार इस आदिवासी बहुल अंचल में नर्मदा नदी जल और रेलवे लाइन लाने के लिए कटिबद्ध है। मालूम हो कि प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। प्रदेश भर में निकाली जा रही मुख्यमंत्री जनआशीर्वाद यात्रा के तहत कल रात को यहां एक आमसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल में प्रदेश में बिजली नहीं थी, सड़कें खस्ताहाल थीं। उन्होंने पूरे प्रदेश का बंटाधार कर रखा था।
‘‘हमारी सरकार आने के बाद प्रदेश में बेहतर सड़कों का जाल बिछाया गया तथा गांवों को भी भरपूर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई।’’ उन्होंने कहा कि पाइप लाइन के जरिए नर्मदा का जल इस आदिवासी अंचल तक पहुंचाने के लिए पहले ही 2,280 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए हैं। क्षेत्र में रेल लाइन बिछाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार 1,147 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। जबकि कांग्रेस ने इन मुद्दों पर जनता से केवल खोलले वादे किये और जमीन पर हकीकत में कुछ नहीं किया।
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प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इलाके के हर आदिवासी गांव में ‘‘जनजातीय अधिकार सभा’’ के गठन की घोषणा की, ताकि गांव के स्थानीय मामले वहीं पर निपटाये जा सकें। उन्होंने कहा, ‘‘जनजातीय अधिकार सभा को आदिवासियों के स्थानीय मामले हल करने का पूरा अधिकार होगा तथा पुलिस इसके बीच हस्तक्षेप नहीं करेगी। पुलिस केवल गंभीर मामलों को देखेगी।’’
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा का समापन भोपाल में 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 102 वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ में होना था। लेकिन पार्टी ने अब इसे आगे भी जारी रखने का फैसला किया है। प्रदेश में इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 जुलाई से प्रदेश में जनआशीर्वाद यात्रा शुरू की थी। इसके तहत चौहान प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे।