ओड़िशा की सरकार चला रही राजनीतिक पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) ने अपने सस्पेंडेड लोकसभा सांसद बैजयंत पांडा से कहा है कि वे नैतिक आधार पर लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दें। आपको बता दे कि बीजेडी ने केंद्रपाड़ा से सांसद पांडा को 24 जनवरी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सस्पेंड कर दिया था।
बैजयंत पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था और उन पर चुनाव आयोग को शपथ पत्र में भी गलत जानकारी देने का आरोप है।
आरोपों के निराधार बताते हुए पांडा ने कहा कि, ऐसा बिलकुल नहीं हैं, यह आरोप एकदम गलत है, मुझे साजिशन बदनाम करने की कोशिश की जा रहे है। ओडिशा में खराब लॉ एंड ऑर्डर की समस्या से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
केंद्रपाडा के सांसद ने कहा कि जो कोई भी मेरे इलेक्शन में दाखिल किए गए शपथ पत्र को चुनाव आयोग या कोर्ट में उठाएगा मैं उसका स्वागत करुंगा। पार्टी ने आरोप लगाया है कि 2014 के चुनाव में उनके चुनाव हलफनामे में, पांडा ने यह खुलासा नहीं किया था कि वह एक खनन कंपनी इंडियन मेटल्स और फेरो अलॉयज लिमिटेड के उपाध्यक्ष हैं और वहां से वेतन ले रहे हैं।
पांडा ने पत्रकारों को बताया, मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह गलत और बेबुनियाद है। आपको बता दे कि वर्ष 2009 और 2014 में पांडा लोकसभा के लिए चुने गए जबकि 2000 से 2009 तक राज्यसभा सदस्य रहे चुके है ।
बीजेडी उपाध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा, तथ्य यह है कि वह एक वेतनमान कर्मचारी हैं और आईएमएफए में उपाध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे हैं, 2014 के लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र में दाकिल किए गए हलफनामे में पांडा ने इस जानकारी को छुपाया था।
पार्टी ने आरोप लगाया है कि पांडा ने पिछले कुछ सालों में आईएमएफए के उपाध्यक्ष के रूप में वार्षिक वेतन और भत्ते के तौर पर 2 करोड़ रुपये, 79 लाख रुपये, 1.45 करोड़ रुपये, 1.60 करोड़ रुपये और 7.66 करोड़ रुपये की कमाई की है।
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