केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों के प्रबंध निदेशकों की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की गई।
अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान” के रूप में वर्गीकृत ‘बिपारजॉय’ के बृहस्पतिवार को गुजरात तट पर पहुंचने का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया
Officials from banks and insurance companies assured Smt @nsitharaman that all necessary steps would be taken to effectively mitigate any potential damage and will ensure quick restoration of banking services. #CycloneBiparjoy @PIBMumbai @PIBAhmedabad @PIB_India (6/n)
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) June 14, 2023
बैंकों और बीमा कंपनियों के एमडी ने बिपारजॉय चक्रवात के मद्देनजर एहतियाती उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक के दौरान, श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी आपदा प्रबंधन नियमों का पालन करने के साथ-साथ कर्मचारियों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।”
एक और ट्वीट में कहा गया है, “उन्होंने (सीतारमण) कहा कि बैंकों और बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बिपारजॉय चक्रवात के दौरान कर्मचारियों को पर्याप्त देखभाल, भोजन और दवा मिले। उन्होंने कहा कि जीवन, मत्स्य पालन, पशुधन, फसलों, नावों और संपत्ति के नुकसान से उत्पन्न होने वाले दावों को शीघ्रता से निपटाया जाना चाहिए।”
वहीं, दिल्ली में आयोजित भाजपा के ‘महा जनसंपर्क अभियान’ में सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सरकार द्वारा विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन ने भारत को सबसे ऋणग्रस्त राष्ट्र बनने से बचा लिया।
उन्होंने कहा, जो लोग यह आरोप लगा रहे हैं कि भारत का कर्ज उच्च स्तर तक बढ़ गया है, वे वही लोग हैं जिन्होंने सरकार को महामारी के दौरान पैसे छापने और इसे वितरित करने की सलाह दी थी। अगर सरकार ने उनकी सलाह मान ली होती तो हम अब तक सबसे ज्यादा कर्जदार देश बन गए होते और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था नहीं बने होते