छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने ट्विटर हैंडल पर नाम के आगे लगाया 'छोटा आदमी' - Punjab Kesari
Girl in a jacket

छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल ने ट्विटर हैंडल पर नाम के आगे लगाया ‘छोटा आदमी’

भूपेश बघेल ने कहा कि अगर किसानों को लाभ पहुंचाना, आदिवासियों को न्याय दिलाना छोटे मन की छोटी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बारे में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा छोटा आदमी होने की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए अपने ट्विटर हैंडल में नाम के आगे छोटा आदमी लगाने के साथ ही सोशल मीडिया पर किए पोस्ट में कहा हैं कि हां, मैं छोटा आदमी हूं।

बघेल ने आज ट्विटर एवं फेसबुक पर लिखे पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के पत्रकारों से बातचीत में कहा, मैं छोटा आदमी हूं, छोटे मन से मैं छोटी-छोटी हरकतें करता रहता हूं। दिए बयान के मीडिया की ओर से जारी वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा कि वे वरिष्ठ हैं राजनेता हैं। उम्र में मुझसे बहुत बड़े हैं। सांसद रहे, केंद्र में मंत्री रहे, 15 वर्षों तक छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रहे तो जाहिर है कि वे ‘बड़े आदमी’ बन गए हैं। मैं उनके ‘बड़पन’ को प्रणाम करता हूं।

raman singh

उन्होने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि मैं छोटा आदमी हूं। किसान का बेटा हूं। खेत खलिहानों में काम-काज करते और साथ में पढ़ाई करते बड़ा हुआ हूं। हल चलाया, ट्रैक्टर चलाया, निंदाई की और धान काटकर मिंजाई की है। मंडी में जाकर धान बेचा है। लोगों के साथ संघर्ष करते करते राजनीति में आया तो भी मेरी राजनीति समाज के उस वर्ग से जुड़ रही जो दबे थे, कुचले थे, जो जरूरतमंद थे।

भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले चुनाव के बाद जनता ने कांग्रेस को बहुमत दिया। मुझे मेरी पार्टी ने मुख्यमंत्री का पद संभालने का मौका दिया तो भी मेरी सरकार ने उन पर ही ध्यान दिया जो पिछले बरसों में उपेक्षा के सबसे अधिक शिकार थे। हमने सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ़ किया, फिर किसानों को प्रति कि्वंटल धान के लिए 2500 रुपए का मूल्य दिलवाया, हमने बस्तर के लोहांडीगुड़ के आदिवासियों की ज़मीने लौटा दीं जो उद्योग के नाम पर हड़प ली गई थीं।

भूपेश बघेल ने PM को भेजा आईना, कहा- अपना असली चेहरा पहचानने की कोशिश करें

उन्होने लिखा कि हमने तेंदूपत्ता मजदूरों की मजदूरी बढ़ा दी,हमने हर परिवार को 35 किलो चावल देने का फैसला किया। हमने सात की जगह 15 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य के दायरे में लाने का फैसला किया। हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी’ की परियोजना पर काम कर रहे हैं।

भूपेश बघेल ने लिखा कि अगर किसानों को लाभ पहुंचाना, आदिवासियों को न्याय दिलाना छोटे मन की छोटी हरकत है, तो मुझे अपना छोटापन मंजूर है। मैं सौ बार छोटा होकर ग़रीबों, मजदूरों, किसानों और आदिवासियों के पक्ष में खड़ा होकर छोटा होना पसंद करुंगा।मुझे एक बार भी धनपतियों के पक्ष में खड़ा होकर दबे कुचले लोगों का शोषण कर बड़ा बनना मंजूर नहीं है।

उन्होने लिखा कि मेरी राजनीतिक और सामाजिक सोच आमजन के साथ है। कुछ चुनिंदा ठेकेदारों, धनपतियों और उद्योगपतियों के साथ नहीं। अगर ऐसी सोच से कोई व्यक्ति छोटा होता है, तो मुझे आजीवन छोटा रहना मंजूर है। मुझे ईश्वर ऐसा बड़प्पन कभी नही दे जो मुझे अपने संघर्ष के दिनों के साथियों को भुला दे, अपने राज्य के दबे कुचले, पीड़ित और शोषित लोगों की सुध लेने से रोक दे।आपका ‘बड़पन’ आपको मुबारक हो रमन सिंह जी। मैं छोटा आदमी छोटा ही भला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।