प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे कर्नाटक के विकास में योगदान देगा। उन्होंने यह प्रतिक्रिया केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के एक ट्वीट थ्रेड में दी है। दरअसल नितिन गडकरी ने बताया कि बेंगलुरु मैसूरु एक्सप्रेसवे परियोजना के निर्माण का उद्देश्य श्रीरंगपटना, कूर्ग, ऊटी और केरल जैसे क्षेत्रों तक पहुंच में सुधार करना है, जिससे उनकी पर्यटन क्षमता में वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि परियोजना में एनएच-275 का एक हिस्सा शामिल है, जिसमें चार रेल ओवरब्रिज, नौ महत्वपूर्ण पुल, 40 छोटे पुल और 89 अंडरपास और ओवरपास का विकास भी शामिल है।
An important connectivity project which will contribute to Karnataka’s growth trajectory. https://t.co/9sci1sVSCB
— Narendra Modi (@narendramodi) March 10, 2023
कनेक्टिविटी से होगा राज्य का विकास
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया; एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजना जो कर्नाटक के विकास में योगदान करेगी। 118 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे में भारतमाला परियोजना के हिस्से के रूप में लगभग 8478 करोड़ रुपये की लागत से विकसित छह मुख्य कैरिजवे लेन और दोनों ओर दो सर्विस रोड लेन हैं। इससे बेंगलुरु और मैसूरु के बीच यात्रा का समय तीन घंटे से घटकर लगभग 75 मिनट होने की उम्मीद है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार ने 9,860 किलोमीटर की कुल लंबाई के साथ पांच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और 22 एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर की परिकल्पना की है।
353 नोड्स को गया जोड़ा
ये 27 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे और एक्सेस नियंत्रित कॉरिडोर औद्योगिक क्लस्टरों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन का हिस्सा हैं। राष्ट्रीय मास्टर प्लान और 20 मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और अन्य परिवहन बुनियादी ढांचे के तहत 353 नोड्स को जोड़कर आर्थिक केंद्रों और आर्थिक नोड्स से कनेक्टिविटी बढ़ाते हैं।