साइबर अपराध वह अपराध जिसमे मुजरिम के विषय कुछ जल्दी से पता नहीं चल पाता ज्ञात होता है तो इतना की कोई साइबर ठगी का शिकार हुआ है। इस तकनीक के दौर में अपराधी इतनी तेजी से अपराध करता है की जब तक पडित को समझ आता है की वो ठगा जा चुका है तब तक ठग अपने काम को अंजाम दे चुका होता है। साइबर ठगी के तरिके रोज बदलते रहते है ,कभी फर्जी बैंक एक नाम पर तो कभी कोई लालच देकर ठगी कर रहे है। असम सरकार ने साइबर अपराधियों के विरुद्ध अपना अभियान चला रखा है।
अपराधी के पास पुलिस ने 238 फर्जी सिम कार्ड बरामद
अभियान के दौरान एक साइबर अपराधी के पास पुलिस ने 238 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए। पुलिस के ये अभियान असम के मोरीगांव जिले चला। इससे पहले, मोरीगांव पुलिस ने कुछ साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने अलग-अलग सिम कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड का उपयोग करते हुए बहुत लोगो के साथ छल किया। मोरीगांव जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीरन बैश्य ने साइबर अपराधियों और फर्जी सिम कार्ड रैकेट के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करते हुए असम के मोरीगांव जिले की पुलिस ने एक और अपराधी को गिरफ्तार किया और उसके पास से 238 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए।
आरोपी मोबाईल सिम कार्ड रिटेलर की दुकान चलता
आरोपी की पहचान अमीनुल हक़ के रूप में हुई पुलिस के मुताबिक गोरोइमारी क्षेत्र में रहने वाला आरोपी मोबाईल सिम कार्ड रिटेलर की दुकान चला रहा था जिसे पुलिस ने अब अपनी गिरफ्त में लिया। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने तरह – तरह कि मनगढ़ंत और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके मोबाइल सिम कार्ड बेचे। उसने मनगढ़ंत और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके मोबाइल सिम कार्ड हासिल किए और बेचे।
पिछले दो वर्षों में लगभग 24000 सिम कार्ड
इससे पहले मोरीगांव पुलिस ने जिले के विभिन्न हिस्सों में अभियान चलाया और 4000 से अधिक सिम कार्ड जब्त किए। एक जांच के दौरान पता चला ज्यादातर सिम कार्डो का उपयोग साइबर अपराधों में इस्तेमाल हुई थी।पुलिस के मुताबिक इससे पहले एक मोबाइल कंपनी के वितरक, एक खुदरा विक्रेता को गिरफ्तार किया था और उन्होंने पिछले दो वर्षों में लगभग 24000 सिम कार्ड दिए थे। अब हमने अमीनुल हक से 238 सिम कार्ड बरामद किए हैं और इन सिम कार्डों का इस्तेमाल साइबर अपराधों और ऑनलाइन में किया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को पकड़ने का अभियान जारी रहेगा.