असम अपनी चाय की पत्ती की महक से मशहूर ये राज्य में पर्यटन की द्रष्टिकोण से एक नया अध्याय और जुड़ जाएगा इस राज्य में असम की पहली अपनी के बीच सुरंग बनने वाली है जिसकी लगत 6000 करोड़ होगी और ये नुमालीगढ़ और गोहपुर के बीच होगी। ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे निर्माण होने वाली सुरंग के टेंडर अगले महीने खुलेंगे। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने सोनितपुर जिले में छह नवनिर्मित चाय बागान मॉडल स्कूलों का उद्घाटन किया।
हाई स्कूल की अनुपलब्धता के कारण कई छात्रों ने बीच में ही स्कूल छोड़ा
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, भारत की आजादी के 75 वर्षों में, राज्य के चाय बागान क्षेत्रों में केवल प्राथमिक विद्यालय और सीमित संख्या में एमई स्कूल स्थापित किए गए थे। उन्होंने उल्लेख किया कि चाय बागान क्षेत्रों में स्कूलों की अनुपलब्धता के कारण छात्रों को अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी, जिससे स्कूल छोड़ने की दर में वृद्धि हुई। मुख्यमंत्री ने कहा चाय बागान इलाको में हाई स्कूल की अनुपलब्धता के कारण, कई छात्रों ने बीच में ही स्कूल छोड़ दिया, जिसके कारण ड्रॉप-आउट दर में वृद्धि हुई।
प्रत्येक संस्थान में बड़ी संख्या में छात्रों के दाखिला
इसलिए, राज्य सरकार ने 2-3 चाय बागानों को कवर करते हुए एक हाई स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया। राज्य में पिछले साल सोनितपुर जिले में कई चाय बागान मॉडल स्कूल खोले गए थे। सीएम शर्मा ने यह भी कहा कि इनमें से प्रत्येक संस्थान में बड़ी संख्या में छात्रों ने दाखिला लिया है।
नर्सिंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए सीटें आरक्षित
चाय बागान क्षेत्रों के छात्रों की उन्नति के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि असम के मेडिकल कॉलेजों में अध्ययन के लिए चाय समुदाय के छात्रों के लिए 30 सीटें आरक्षित की गई हैं। उन्होंने कहा कि चाय बागान समुदाय की छात्राओं के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी।