वैसे तो यह श्रावण मास चल रहा है और हर तरफ धार्मिक अनुष्ठान जोर-शोर से हो रहे हैं, इसमें राजनीतिक दल और उनके नेता भी पीछे नहीं हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर तमाम जो नेता हैं वो चुनाव जीतने के लिए अपना पूरा दमखम लगा रहे हैं, बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनाव के आसपास आते ही राजनीतिक दलों ने धर्म के साथ मतदाताओं के दिलों की धड़कन बढ़ाने का प्रयास किया है जहां धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर तीर्थ यात्राओं तक, राजनेताओं ने उन्हें प्रभावित करने के नए तरीके अपनाए हैं।
धर्म के साथ जुड़कर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास
मध्य प्रदेश में चुनावी माहौल अब धर्म के रंगों में रंगने लगा है। राजनीतिक दलों के नेता न केवल अपनी उपलब्धियों और नीतियों को प्रस्तुत कर रहे हैं, बल्कि वे धर्म के साथ जुड़कर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं।इंदौर से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भव्य धार्मिक अनुष्ठान किया, कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की राम कथा का आयोजन कियातो वहीं भाजपा नेता और राज्य सरकार के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दतिया में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा का आयोजन किया। आने वाले दिनों में छिंदवाड़ा में कमलनाथ पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा आयोजित करने वाले हैं।
राजनेताओं के द्वारा तीर्थ यात्राएं और कथाएं की जा रही आयोजित
श्रावण मास में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन हो रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हो रहे हैं। शिवलिंग के निर्माण से लेकर कथाएं और तीर्थ यात्राएं तक, उन्होंने धार्मिक आयोजनों की रफ्तार तेज की है। भोपाल के नरेला विधानसभा क्षेत्र से नाता रखने वाले कांग्रेस के नेता मनोज शुक्ला तो कई लोगों की मथुरा वृंदावन की यात्राएं करा चुके हैं। इसी क्रम में नरेला से ही भाजपा के विधायक और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग की पहल पर शिव भक्तों को उज्जैन के बाबा महाकाल की दर्शन यात्रा की शुरुआत हुई है। इस यात्रा में 200 से ज्यादा बस के जरिए 11 हजार से ज्यादा श्रद्धालु महाकाल के दर्शन करने गए।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजनीतिक दलों और उनके प्रतिनिधियों के लिए चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है और इसके लिए वे कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। इससे बेहतर होता कि राज नेता लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए कोई सार्थक पहल करते और अपने दल की नीतियों और उपलब्धियों का बखान करने के साथ आने वाले समय में सरकार बनने पर वह संबंधित क्षेत्र के लिए क्या करेंगे इसका ब्यौरा देते।