देहरादून : आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। विजिलेंस की जांच के बाद मिश्रा पर भ्रष्टाचार और जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ है। आपको बता दें जांच में 60 लाख से ज्यादा की गड़बड़ी की पुष्टि हुर्इ है। फिलहाल विजिलेंस मिश्रा से पूछताछ कर रही है।
विजिलेंस के निदेशक एडीजी राम सिंह मीणा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि टीम ने मृत्युंजय मिश्रा को इंदर रोड स्थित कार्यालय से गिरफ्तार किया। उनपर आयुर्वेद विश्वविद्यालय में पद पर रहते हुए फर्जी फर्म, खातों में कैश ट्रांसफर जैसे कर्इ घोटालों का आरोप लगा है। इसके साथ ही विजिलेंस की तीन टीमें मिश्रा के कर्इ ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में मिश्रा को आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद से निलंबित कर दिया गया था। शासन ने उनका नाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत अन्य अधिकारियों के स्टिंग के प्रयास को लेकर दर्ज एफआइआर में आने के बाद निलंबित किया था।
हालांकि, शासन ने अधिकारिक तौर पर निलंबन का आधार उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव उनके खिलाफ विजिलेंस विभाग में चल रही खुली जांच और अन्य जांच को बनाया।