कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद की गूंज अब आंध्र प्रदेश तक पहुंच गई है। विजयवाड़ा में बुर्का पहनकर एक निजी कॉलेज पहुंची छात्रों को एंट्री नहीं दी गई, लेकिन बाद में सरकारी अधिकारियों के निर्देश पर नरम पड़ गए। आंध्र लोयोला कॉलेज के स्टाफ द्वारा दो लड़कियों को रोकने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जबकि बीएससी अंतिम वर्ष के छात्राओं ने दावा किया कि वे बुर्का पहनकर कॉलेज आ रही हैं, लेकिन उन्हें कभी कोई समस्या नहीं हुई, वहीं कॉलेज प्रबंधन ने इससे इनकार किया है। छात्राओं को कक्षाओं में शामिल नहीं होने के बाद उनके माता-पिता और समुदाय के बुजुर्ग वहां पहुंच गए।
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पुलिस भी कॉलेज पहुंची और कॉलेज के प्राचार्य, अभिभावकों और समुदाय के बुजुर्गों से बातचीत की। छात्राओं ने बुर्का के साथ अपना पहचान पत्र दिखाया और सवाल किया कि अब समस्या क्यों पैदा की जा रही है। मामला कृष्णा जिला कलेक्टर तक पहुंचा, तो उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से कक्षाओं में आने को कहा।
प्राचार्य किशोर ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कलेक्टर के निर्देश पर छात्राओं को अनुमति दी। उन्होंने कहा कि प्रवेश के समय छात्र ड्रेस कोड के बारे में स्कूल के नियमों से सहमत थे। हालांकि, दोनों छात्रों ने तर्क दिया कि वे निर्धारित वर्दी में कॉलेज आ रहे हैं, उस पर बुर्का पहन कर आ रहे हैं, लेकिन किसी ने कभी आपत्ति नहीं की।
वीडियो में एक छात्रा को बोलेते हुए सुना जा सकता है, “हर किसी की अपनी संस्कृति होती है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। हम जो पहनते हैं उस पर हमें गर्व है।” प्राचार्य ने कहा कि शुक्रवार से छात्रों को हिजाब पहनने की अनुमति देने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद आंध्र प्रदेश में यह पहली ऐसी घटना है, जहां अधिकारियों ने मुस्लिम हेडस्कार्फ पर प्रतिबंध लगा दिया था।