अमृर्त्य सेन ने जेएनयू हमले पर पुलिस की भूमिका की आलोचना की - Punjab Kesari
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अमृर्त्य सेन ने जेएनयू हमले पर पुलिस की भूमिका की आलोचना की

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और दर्शन के प्रोफेसर ने कहा, ‘‘ कुछ बाहरी लोग आए और (जवाहरलाल नेहरू)

कोलकाता : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमृर्त्य ने बुधवार को जेएनयू परिसर में हमले का शिकार हुए छात्रों का समर्थन करते हुए हिंसा से निपटने में पुलिस की भूमिका की आलोचना की और कहा कि ‘मामले में न्याय का बड़ा अभाव है।’’ बंगाली टीवी चैनल से बातचीत करते हुए सेन ने सवाल किया कि नकाबपोश बाहरी लोगों द्वारा पीटे गए लोगों का नाम पुलिस की प्राथमिकी में कैसे आ गया। 
नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहे सेन ने विवादास्पद संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पर कहा कि इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र और दर्शन के प्रोफेसर ने कहा, ‘‘ कुछ बाहरी लोग आए और (जवाहरलाल नेहरू) विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रताड़ित किया और वहां अराजकता में शामिल रहे। विश्वविद्यालय के अधिकारी इसे रोक नहीं सके। यहां तक कि पुलिस भी वक्त पर नहीं आई।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘ वे (पुलिस) आज तक किसी को पकड़ने में नाकाम रही है। मैंने सुना है कि कैमरे (सीसीटीवी) काम नहीं कर रहे थे। मैंने यह भी सुना है कि उनकी (पुलिस की) रिपोर्ट में कुछ समस्याएं थीं, इसीलिए इसे जमा नहीं किया जा सकता है और प्राथमिकी उन्हीं लोगों के खिलाफ दर्ज कर ली गई जिन्हें पीटा गया है।’’ सेन ने कहा, ‘‘ इस मामले में न्याय का एक बड़ा अभाव है। यह बहुत ही प्रत्यक्ष है।’’ 
सीएए पर सेन ने कहा कि इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए और उच्चतम न्यायालय को इसे असंवैधानिक होने के आधार पर इसे निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि सीएए को रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक अधिनियम नहीं हो सकता है… उच्चतम न्यायालय का काम यह देखना है कि संसद में जो पारित किया गया था, वह क्या कानूनी रूप से संविधान से जोड़ा जा सकता है।’’ 

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