असम के नेता अखिल गोगोई को NIA कोर्ट से राहत मिली है। यूएपीए के तहत सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के मामले में गोगोई को कोर्ट ने बरी कर दिया है। गुवाहाटी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी की एक अदालत ने यह फैसला सुनाया है। गोगोई दिसंबर 2019 से विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं।
बीते साल ही उन्होंने रायजोर दल की स्थापना की थी और शिबसागर विधानसभा सीट से हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उतरे थे। हिरासत में रहने के बावजूद वह चुनाव जीत गए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अखिल गोगोई के खिलाफ दो केस दायर किए थे।
आज एनआईए कोर्ट ने अखिल गोगोई को छाबुआ थाने में दर्ज मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। अप्रैल में, उन्हें इस मामले में बरी कर दिया गया था, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने फिर से अपील की थी।
गोगोई पर लगभग 600 लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगाने के बाद मामला दर्ज किया गया था, जिसके कारण “आर्थिक नाकाबंदी”, “पत्थर फेंकना” और “ड्यूटी पर एक पुलिसकर्मी” की हत्या हुई थी। हालांकि, उन्हें न्यायिक हिरासत में रहना होगा क्योंकि एक अन्य मामला भी एनआईए द्वारा लिया गया था, जो अभी भी लंबित है।
सीएए-विरोध के दौरान, अखिल गोगोई ने अधिनियम के विरोध में 61 से अधिक संगठनों के एक समूह का नेतृत्व किया था। हिंसक प्रदर्शनों के बाद पूरे असम (सिबसागर, डिब्रूगढ़, गौरीसागर, टीओक, जोरहाट) में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।