देहरादून : गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान से जुड़े आंदोलकारियों ने शहर में डौंर-थकुली रैली निकाली। कहा कि सरकार ने बेरोजगारों, आंदोलनकारियों की मांग को दरकिनार कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को फायदा पहुंचाने के लिए अध्यादेश लाया है। इस अध्यादेश को निरस्त नहीं किया गया तो संगठन उग्र आंदोलन को बाध्य होगा। परेड ग्राउंड के पास गैरसैंण स्थायी राजधानी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे संगठनों ने शनिवार को सरकार के खिलाफ डौंर-थकुली रैली निकाल कर रोष जताया। रैली परेडग्राउंड स्थित धरना स्थल से होते हुए घटाघर स्थित स्व. इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा तक निकाली गई।
रैली में बड़ी संख्या में सामाजिक संगठनों और अभियान के सदस्यों ने भाग लिया। रैली को पुलिस बल ने बेरीकेडिंग लगाते हुए रोकने का प्रयास किया। मगर, आदोलनकारी पुलिस को चकमा देकर घंटाघर पहुंच गए। कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रहे उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्रियों के ठाट-बाट में छूट देना गलत है। इस मौके पर आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती, लक्ष्मी प्रसाद, रघुवीर बिष्ट, पूर्व आइएएस एसएस पांगती, विकास सेमवाल, रविंद्र प्रधान, बृज मोहन नेगी, दिगंबर बलूनी, प्रभा नैथानी, सुलोचना भट्ट, बीना सकलानी, बिंदु जोशी, ऊषा भट्ट, निर्मला बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, जबर सिंह, लक्ष्मी बिष्ट, जगमोहन नेगी, भोपाल सिंह चौधरी, आदि मौजूद रहे।
संगठनों की विभिन्न मांगें : लिपिक पदों में बाहरी अभ्यर्थियों से आवेदन नहीं लिए जाने चाहिए। सरकारी भर्ती में धाधली के लिए परीक्षा केंद्रों को प्रदेश से बाहर रखने की जांच करायी जाए। पंच प्रयाग में शराब की भट्टिया खोलने का विरोध। भूमाफिया को भूमि खरीद में छूट देने का विरोध। स्थायी राजधानी की माग करने वाले आदोलनकारियों पर फर्जी मुकदमे वापस लिया जाए।