कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात के आदिवासी इलाके दाहोद में रैली को सम्बोधित करते हुए बीजेपी पर ज़ोरदार हमला बोला। उन्होंने बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर ‘‘अमीरों के लिए एक अलग भारत और गरीबों के लिए एक अलग भारत का निर्माण करने’’ का आरोप लगाया। इसके साथ ही राहुल ने नोटबंदी, जीएसटी, कोरोना और मनरेगा को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
राहुल गांधी ने कहा कि जब बीजेपी सत्ता में आई। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में मनरेगा का मजाक उड़ाया, कहते हैं कि मैं इसे रद्द करना चाहता हूं परन्तु नहीं करूंगा ताकि जनता को याद रहे कि कांग्रेस ने क्या किया था… कोविड के समय अगर मनरेगा नहीं होता तो देश की हालत आपको मालूम है।
कांग्रेस नेता ने कहा, गुजरात में कोरोना से 3 लाख लोग मारे गए, गंगा मां लाशों से भर गई थी। हिंदुस्तान में कोरोना से 50-60 लाख मरे। लेकिन ये लोग इस पर बात नहीं करते। ये लोग कहते हैं थाली बजाओ। लाइट जलाओ।
नोटबंदी को लेकर केंद्र पर हमला
राहुल गांधी ने कहा, पीएम आए, नोटबंदी की, आपकी जेब से पैसा निकाला, आपसे कहा, कालेधन के खिलाफ लड़ाई है। पूरे देश को बैंक के सामने खड़ा कर दिया। पूरे देश ने कमाई का पैसा बैंक में डाला, कालेधन के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। उन्होंने भरोसा जताया कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के बाद अगली सरकार उनकी पार्टी बनाएगी।
जनसभा नहीं यह एक आंदोलन की शुरुआत
राहुल गांधी ने कहा, “यह जनसभा नहीं यह एक आंदोलन की शुरुआत है। यह सत्याग्रह की शुरुआत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी देश में वही कर रहे हैं, जो उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात में किया था। वह अमीरों के लिए एक अलग भारत और आम लोगों के लिए एक अलग भारत बना रहे हैं। देश में जिन संसाधनों पर गरीबों का हक है, बीजेपी के मॉडल में उन्हें कुछ अमीर लोगों को दिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, हमने छत्तीसगढ़ में कहा कि किसानों का कर्ज़ा माफ होगा और धान 2050 प्रति क्विंटल सरकार खरीदेगी। हमने जो कहा था वो करके दिखाया। हम आपसे मिलकर समझना चाहते हैं कि आदिवासियों के लिए क्या करना है। बीजेपी सरकार आपको कुछ नहीं देगी, लेकिन आपसे सब कुछ ले लेगी। आपको अपने अधिकार छीनने होंगे, तभी आपको वह मिलेगा, जिस पर आपका हक है।
गुजरात में विरोध के लिए लेनी पड़ती है इजाजत
राहुल ने कहा, गुजरात इकलौता ऐसा राज्य है जहां हमें विरोध करने की इजाजत लेनी पड़ती है। जिग्नेश मेवाणी को इसके लिए 3 महीने की जेल हुई थी। मैं यह कहना चाहूंगा कि अगर उन्हें 10 साल की जेल भी हुई, तो भी इसका उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।