हरिद्वार : पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज का जन्मोत्सव जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज तथा स्वामी मुक्तानंद महाराज ने माल्यार्पण कर आचार्य को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में आचार्यश्री द्वारा रचित ‘दैनन्दिन योगाभ्यासक्रम’ (कुमाउनी, गढ़वाली, गुजराती, संस्कृत, डोगरी, असमिया, बंगाली, कन्नड़, ओडिया, भोजपुरी, मराठी तथा पंजाबी में), ‘विचार क्रान्ति’ (संस्कृत, भोजपुरी, डोगरी, तमिल, मलयालम, तेलुगु तथा हंगेरियन में), ‘आयुर्वेद सिद्धान्त रहस्य’ (तुर्की तथा स्लोवेनियन में), ‘योग और बचपन’ (बल्गेरियन तथा चाइनीज़ में) तथा ‘योग विज्ञान’ (अल्बेनियन भाषा में) आदि पुस्तकों का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ यज्ञ तथा आई.एम.ए. व हिमालयन इंस्टीट्यूट की ब्लड बैंक टीमों के सहयोग से आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में आचार्य जी ने रक्तदान करके किया। इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि आयुर्वेद हमारी लाखों वर्ष पुरानी संस्कृति और चिकित्सा पद्धति है। दुर्भाग्य की बात है कि चीन ने 13,500 पौधों को अपने मेडिसिन सिस्टम में डाल दिया है लेकिन हम आयुर्वेद को पढ़ने वालों, जानने वालों, समझने वालों को भी यह नहीं पता होगा कि मात्र 1100 पौधे हैं जो आयुर्वेद के नाम पर पूरे विश्व में प्रचलित हैं।
पतंजलि गांवों में स्थापित करेगा आरोग्य केन्द्र
आज भी जन्मदिवस के अवसर पर रक्तदान कर तथा विभिन्न ज्ञानवर्धक पुस्तकों के रूप में उन्होंने समाज को एक रिटर्न गिफ्ट दिया है। विगत कई वर्षों से आचार्य जी महाराज का जन्मदिवस जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आज पतंजलि योगपीठ में लाखों औषधीय पौधों का निःशुल्क वितरण किया गया। पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. महावीर प्रसाद जी तथा कविराज मनोहर लाल जी ने क्रमशः काव्यांजलि तथा बालकृष्णाष्टकम् का गान कर आचार्य जी का अभिनन्दन किया। इस अवसर पर पतंजलि के विभिन्न शैक्षणिक संस्थान के छात्र-छात्रओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
– संजय चौहान