आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अगले आम चुनावों में जनता के मुद्दों पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जाने का ऐलान किया है। चंद्रबाबू नायडू ने इस मुद्दे पर पीएम को घेरते हुए कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार दबावपूर्ण नीतियों के साथ काम कर रही है और यह जनहित में नहीं है। चंद्रबाबू ने कहा कि 2014 में राज्य के विकास से जुड़े पीएम के वादे पर ही हमने उनके साथ गठबंधन किया था। आगे उन्होंने एनडीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) के साथ जुड़ने पर सफाई देते हुए कहा, ‘2014 लोकसभा चुनाव के दौरान भी हमने गठबंधन की कोशिश नहीं की थी। मोदी ख़ुद ही मेरे पास आए और कहा कि बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) आंध्र प्रदेश के साथ सहानुभूती रखती है। इसलिए आंध्र प्रदेश के हित में हम दोनों साथ मिलकर काम करते हैं। जिसके बाद मैं आंध्र प्रदेश के हित में बीजेपी के साथ गठबंधन करने को तैयार हुआ।’
इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को एनडीए गठबंधन सरकार पर आंध्र को विशेष दर्जा देने के वादे पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया था।
सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने में विफल रहने पर टीडीपी के एनडीए से बाहर होने के कुछ दिनों बाद नायडू ने संवाददाताओं से कहा, ‘आंध्र प्रदेश के पांच करोड़ लोग महसूस करते हैं कि बीजेपी सरकार हमारी भावनाओं से खेल रही है।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने एनडीए सरकार के अंतिम बजट तक इंतजार किया और इसके बाद बीजेपी से संबंध तोड़ लिया। बीजेपी, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी।
नायडू ने कहा कि सरकार उनसे कहती रही कि 14वें वित्त आयोग की वजह से वह राज्य को विशेष दर्जा नहीं देने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘वित्त आयोग के चेयरमैन व सदस्य ने इस बात से इनकार किया और कहा कि उनका अधिकार महज राज्य व केंद्र को नियम के अनुसार धन देना है।’
उन्होंने कहा, ‘वे (सरकार) मुझे दोष दे रहे हैं, कह रहे हैं कि हम धन देने को तैयार हैं, लेकिन आप लेने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने 14वें वित्त आयोग के बावजूद 11 राज्यों को विशेष दर्जा दिया है। फिर आंध्र प्रदेश को क्यों नहीं?’ नायडू ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि यदि वह मुद्दे को हल कर सकते हैं तो ‘हम एनडीए में बने रहेंगे’ और इसके बाद ही उन्होंने संबंधों को तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन किया क्योंकि राज्य को केंद्र के सहयोग की जरूरत थी।
उन्होंने, ‘अगर उन्होंने पहले साल विशेष दर्जा दिया होता तो मैंने 3,000-5,000 करोड़ रुपये बचाए होते। मैं इन बातों को रिकॉर्ड पर रखना चाहता हूं। मैंने चार साल इंतजार किया। लेकिन, उन्होंने अपने बजट में आंध्र के बारे में एक शब्द नहीं कहा न कोई चिता दिखाई।’
नायडू ने कहा कि वह बीते चार सालों में प्रधानमंत्री व उनके मंत्रियों से मिलने 29 बार दिल्ली आए। उन्होंने कहा, ’29 मुलाकातों के बाद कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कुछ मामूली चीजें की, लेकिन (आंध्र प्रदेश) विभाजन अधिनियम की बड़ी बातों को नहीं लागू किया।’
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