असम के दरांग जिले में हिरासत में तीन महिलाओं का कथित रूप से उत्पीड़न करने पर एक महिला कांस्टेबल समेत दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। तीनों बहनों द्वारा दरांग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पास शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 11 सितंबर को बरहा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी महेंद्र शर्मा और कांस्टेबल बिनीता बोरो को निलंबित कर दिया।
डीजीपी कुलधर सैकिया का कहना है, “2 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। गंभीर मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ चल रही है। पूछताछ की रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर सौंपी जानी है।” वहीं इस पूरे मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने राज्य प्रशासन से कहा कि जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह घटना इसलिए भी गंभीर है क्योंकि इसे कानून-व्यवस्था की रक्षा करने की जिम्मेदारी वाली पुलिस के लोगों की तरफ से अंजाम दिया गया।
महिला आयोग ने असम प्रशासन से कहा है कि इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे ऐसी कोई घटना नहीं हो। शिकायत के अनुसार, आरोपी पुलिसकर्मियों ने छह सितंबर को उनका उत्पीड़न किया था और उनके कपड़े उतरवा दिए थे। आरोपों की जांच शुरू करा दी गई है।
एक लड़की के परिजनों ने एफआईआर दर्ज की थी कि छह सितंबर को एक लड़का उनकी बेटी को भगा ले गया है। इसके बाद पुलिस द्वारा कथित रूप से लड़के की बहनों को हिरासत में लेकर उन्हें बुरी तरह पीटा गया और उनके कपड़े उतरवाए गए। उत्पीड़न के कारण तीनों बहनों में से एक ने, जो गर्भवती थी, मृत बच्चे को जन्म दिया। उसी शाम लड़के ने जब लड़की के साथ आत्मसमर्पण कर दिया, तब पुलिस ने तीनों बहनों को रिहा किया।