सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों की दुष्कर्म पीड़ित बिलकिस बानो को दो सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह दो सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपए का भुगतान करे, साथ ही उसे नौकरी और रहने को घर दे।
बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार ने उसे अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया है। गौरतलब है कि इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा था कि वह नियमों के मुताबिक बिलकिस बानो को एक सरकारी नौकरी और आवास भी मुहैया कराए। गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों के दौरान बिल्कीस बानो बलात्कार कांड और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में विशेष कोर्ट ने 21 जनवरी, 2008 को 11 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी जबकि पुलिसकर्मियों और चिकित्सकों सहित सात आरोपियों को बरी कर दिया था।
गौरतलब है की अहमदाबाद के पास रणधीकपुर गांव में उग्र भीड़ ने तीन मार्च 2002 को बिल्किस बानो के परिवार पर हमला बोला था। इस हमले के समय बिल्किस बानो पांच महीने की गर्भवती थी और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी।
हाई कोर्ट ने चार मई, 2017 को पांच पुलिसकर्मियों और दो डॉक्टरों को ठीक से अपनी ड्यूटी का निर्वहन नहीं करने और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के अपराध में भारतीय दंड संहिता की धारा 218 और धारा 201 के तहत दोषी ठहराया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई, 2017 को दोनों डाक्टरों और आईपीएस अधिकारी आर एस भगोड़ा सहित चार पुलिसकर्मियों की अपील खारिज कर दी थी। इन सभी ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।