आईआईटी मद्रास इन दिनों कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। एक दिसंबर से लेकर अब तक यानी पिछले 15 दिनों में 183 छात्रों में वायरस की पुष्टि हुई है। इसके कारण प्रबंधन को सभी विभागों को बंद करना पड़ा है। सभी संक्रमित छात्रों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती बनाया गया है। उनकी हालत स्थिर है।
सोमवार को 33 और छात्रों के कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 71 से बढ़कर 104 हो गयी है। आईआईटी-एम के प्रबंधन ने सोमवार को सभी छात्रों को कोरोना जांच कराने को कहा है और यदि कोई छात्र कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे क्वारंटीन में भेजा जाएगा।
छात्रों को कोरोना संक्रमित होने के पीछे सबसे बड़ा कारण डॉस्टल की मेस को बताया जा रहा है। क्योंकि मेस में एक साथ काफी लोग एक बार में इकट्ठा हो जाते थे। कई स्टूडेंट्स बिना मास्क ही आते-जाते थे और यही वायरस के फैलने का कारण बना।
संस्थान की ओर से जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि सभी विभाग, केंद्रों और लाइब्रेरी को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है। इस सर्कुलर में सभी संकाय सदस्यों, परियोजना स्टाफ सदस्यों और शोधकर्ताओं को घर से काम करने की सलाह दी गई, जबकि छात्रों, विद्वानों और परियोजना स्टाफ सदस्यों को परिसर में और अपने छात्रावास के कमरों में खुद को सीमित रखने को भी कहा गया है।
आईआईटी-एम ने कहा कि छात्रावासों में केवल 10 प्रतिशत छात्रों को रखा जा रहा हैं और जैसे ही कोरोना मामलों में तेजी की सूचना मिली, उन्होंने छात्रावास के सभी छात्रों को नागरिक अधिकारियों के परामर्श के बाद जांच कराने की व्यवस्था की।