महाराष्ट्र के MLC चुनाव में 10 हजार स्नातक नहीं दे सकेंगे वोट, जानिए बड़ी वजह - Punjab Kesari
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महाराष्ट्र के MLC चुनाव में 10 हजार स्नातक नहीं दे सकेंगे वोट, जानिए बड़ी वजह

बाजेपी नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर ने 30 जनवरी को होने वाले ग्रेजुएट कांस्टीट्यूएंसी के

बाजेपी नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर ने 30 जनवरी को होने वाले ग्रेजुएट कांस्टीट्यूएंसी के चुनावों से ‘स्नातक’ (ग्रेजुएट मतदाता) को बाहर करने के मुद्दे को लेकर राज्य चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे देश में चुनावों का अभूतपूर्व महत्व है।” पडलकर ने राज्य चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में लिखा, “किसी व्यक्ति या समूह को मतदान से बाहर करना अनुचित है।
पडलकर ने अपने पत्र  के माध्यम से कही बड़ी बात 
पडलकर ने अपने पत्र में आगे लिखते हैं कि, भारत युवाओं का देश है और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए विधायक अपने बेहतर भविष्य के लिए काम करते हैं। हालांकि 10,000 से अधिक स्नातकों को मतदान की प्रक्रिया से बाहर करने का प्रयास किया जा रहा है और इसलिए मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं।
30 जनवरी को डाले जाएंगेवोट
इस मुद्दे को आगे समझाते हुए गोपीचंद ने कहा, चुनाव 30 जनवरी को होने वाले हैं। हालांकि उसी दिन कई सरकारी विभागों की परीक्षाएं भी होने वाली हैं। शहरी विकास, कानून, चिकित्सा और जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रुप ए और ग्रुप बी के लिए दो चरणों में एक ही दिन परीक्षा होगी। इसलिए 10,000 से अधिक मतदाता स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनावों में मतदान करने में सक्षम नहीं होंगे।
स्नातक उन चुनावों में मतदान नहीं कर पाएंगे
एक समाधान की उम्मीद करते हुए पडलकर ने कहा, चुनाव आयोग हमेशा लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करता है। तारीखों के ओवरलैप होने के कारण हजारों स्नातक उन चुनावों में मतदान नहीं कर पाएंगे, जो उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस समस्या का सकारात्मक समाधान निकालेगा। 
बीजेपी ने नहीं उतारा उम्मीदवार
ग्रेजुएट कांस्टीट्यूएंसी के चुनाव, जो इस बार 30 जनवरी को हो रहे हैं, जिसमें नासिक चुनाव क्षेत्र पर सबकी निगाहे रहेंगी, क्योंकि यहां कांग्रेस ही विवाद में है। कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार डॉ। सुधीर तांबे ने आखिरी समय तक आपना पर्चा ही नहीं भरा और वहीं उनके साथ उनका पर्चा भरने गए उनके सुपुत्र और युवा कांग्रेस के महाराष्ट्र के पूर्व प्रमुख सत्यजीत तांबे ने अपना पर्चा भरा, लेकिन ऐबी फॉर्म पार्टी की तरफ से न मिलने पर वो निर्दलीय उम्मीदवार बन गए हैं। वहीं बीजेपी ने उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार न देके ये चुनाव और ज्यादा मजेदार कर दिया है। 

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