उत्तराखंड कांग्रेस के चुनाव प्रचार प्रमुख हरीश रावत ने आज अपनी पार्टी से अनुरोध किया कि वह पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के टिकट बेचने और आने वाली सरकार में पैसे के लिए पदों की पेशकश के आरोपों पर उन्हें निष्कासित कर दें। धांधली का आरोप लगाने वाले का नाम लिए बिना हरीश रावत ने कहा कि वे ऐसे लोग हैं जो पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “टिकट और पदों को बेचने के आरोप बहुत गंभीर हैं और अगर वे ऐसे व्यक्ति पर लगाए जा रहे हैं जो मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय पार्टी प्रमुख, पार्टी के महासचिव और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य भी रहा हो और आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी पार्टी में बड़े पद पर है ऐसे में यह आरोप और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुझे निष्काषित करे।”
हरीश रावत ने अपने ट्वीट में किया होली का जिक्र
उत्तराखंड की लालकुवा सीट से हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव हारने वाले हरीश रावत ने उन लोगों का उल्लेख किया जिन्होंने ये आरोप लगाए हैं। ये आरोप लगाने वाले भी पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्ति के समर्थकों द्वारा “बहुत महत्वपूर्ण पद” पर फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस इस आरोप के आलोक में मुझे निष्कासित करे।” हिंदू त्योहार होली का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह बुराई से छुटकारा पाने का एक उपयुक्त अवसर है और होलिका दहन के दौरान “हरीश रावत जैसी बुराई” को भी जलाया जाना चाहिए।
हरीश रावत ने अपनी विफलता पर जताई शर्मिंदगी
होलिका दहन एक अनुष्ठान है जो होली के उत्सव से पहले होता है जहां लकड़ियों के ढेर में आग जलाई जाती है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। बताते चलें कि कांग्रेस ने भाजपा की कुल 70 विधानसभा सीटों में से 47 के मुकाबले सिर्फ 19 सीटें जीतीं, राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने अन्य कारकों के अलावा विपक्षी दल में गुटबाजी के नुकसान को जिम्मेदार ठहराया। हरीश रावत ने रविवार को राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत के लिए मार्गदर्शन करने में अपनी विफलता पर नाराजगी और शर्मिंदगी की भावना व्यक्त करते हुए कहा था कि वह पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकते, जिसने उन पर इतना भरोसा जताया था।
जनता कि उम्मीदों पर नहीं उत्तर सका खरा :रावत
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली जाने से कुछ घंटे पहले एक फेसबुक पोस्ट में हरीश रावत ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी का सामना कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि ”पार्टी और कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं को मुझ पर कितना भरोसा था। उन सभी को उम्मीद थी कि मैं कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाऊंगा। मेरी ओर से कुछ कमी रही होगी जिसके कारण मैं उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका।”