हैदराबाद में एक मंदिर के पुजारी ने नई शुरुआत करते हुए एक दलित युवक को अपने कंधों पर बिठाया, और श्री रंगनाथ मंदिर के भीतर लेकर गए। पुजारी ने मंदिर के भीतर पहुंचकर इस युवक आदित्य पारासरी को गले भी लगाया। हैदराबाद के चिल्कुर बालाजी मंदिर के पुजारी सीएस रंगराजन ने बताया कि उनके ऐसा करने से हालिया दिनों में दलितों के साथ हुए भेदभाव और उनके खिलाफ हुईं हिंसात्मक घटनाओं के विरुद्ध देशभर में मजबूत संदेश जाएगा।
आपको बता दे कि पुजारी के इस कदम की हर कोई तारीफ कर रहा है। ये घटना सोमवार की है जब मंदिर में जयकारों की गूंज, फूलों से सजावट और वैदिक मंत्रों के उच्चारणों के बीच पुजारी रंगराजन 25 वर्षीय दलित युवक आदित्य को अपने कंधे पर उठाकर मंदिर पहुंचे और युवक को गर्भगृह ले जाकर दर्शन करवाए।
रंगराजन ने इस बारे में बताया कि यह 2700 साल पुरानी एक घटना की ही पुनरावृत्ति है, जिसे मुनि वाहन सेवा के नाम से जानते हैं। इस परंपरा को सनातन धर्म का असली संदेश पहुंचाने और समाज में बराबरी का संदेश के लिए निभाया जाता है।
पुजारियों ने कहा कि वर्तमान समय में कई लोग अपने निजी स्वार्थों के चलते देश का माहौल खराब कर रहे हैं। दलित युवक को कंधे पर उठाने का विचार कहां से आया, इस बारे में उन्होंने कहा कि जनवरी महीने में मैं उस्मानिया विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में गया था, जहां इस बात की चर्चा की गई कि किस तरह पिछड़ी जातियों के लोगों को मंदिर में घुसने नहीं दिया जाता।
वही , ऐसा सम्मान मिलने के बाद दलित युवक आदित्य पारश्री काफी खुश है। उन्होंने कहा कि दलित होने के नाते मेरे परिवार के साथ हमेशा बुरा बर्ताव और भेदभाव किया गया। आदित्य पारश्री ने बताया कि उन्हें महबूबनगर में हनुमान मंदिर के अंदर जाने से रोक दिया गया था। उनका कहना था कि ऐसे भेदभाव दूसरे मंदिरों में भी होते हैं।
लेकिन, जिस तरह से चिल्कुर बालाजी मंदिर में उनका सम्मान हुआ है, उससे उन्होनें उम्मीद जताया कि देश में बदलाव आएगा और लोगों की सोच बदलेगी। बहरहाल, जिस तरह से देश में दलितों के शोषण और उनपर होनेवाले अत्याचार को लेकर खबरें आती रहती है। ऐसे में यह पहल वाकई देश और समाज के लिए एक आईना है।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे।