हरित ऊर्जा की ओर बढ़ चुका है झारखंड - Punjab Kesari
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हरित ऊर्जा की ओर बढ़ चुका है झारखंड

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रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के लोगों से वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को अधिकाधिक अपनाने की अपील की है। श्री दास ने गढ़वा सिविल कोर्ट में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्यवासियों को बुनियादी सुविधा के साथ-साथ शुद्ध हवा, शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छ पर्यावरण देने के लिए कृतसंकल्पित है। पर्यावरण की स्वच्छता के ²ष्टिकोण से सरकार सभी सरकारी भवनों में सौर उर्जा लगा रही है। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट लगाने से पर्यावरण प्रदूषण कम होगा।

मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी लोगों से अपने घरों पर भी सोलर रूफटॉप लगाने की अपील करते हुए कहा कि इससे हरित क्रांति की दिशा में आगे बढऩे में मदद मिलेगी। सरकार आने वाले दिनों में हरित क्रांति उर्जा किसानों को तोहफा में देगी। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि किसान भाई भी इस सिस्टम को अपनायें ताकि कृषि क्षेत्र में उनको मदद मिले और उनकी आमदनी भी बढ़े। श्री दास ने कहा कि इस कोर्ट परिसर में 110 किलोवाट का सिस्टम लगाया गया है।

इस व्यवस्था से सभी प्रकार के सिस्टम चलाये जा सकतें हैं। इस तरह के पावर प्लांट पहले खूंटी एवं साहिबगंज में भी लगाया जा चुके हैं। आगामी 3 माह में गुमला में भी सोलर प्लांट लगा दिया जायेगा। उन्होंने इस काम में लगे सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देते हुए उनसे सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अधिक तेजी से काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हरित उर्जा की ओर कदम बढ़ा चुकी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रत्येक घर में बिजली पहुंचाने का संकल्प दुहराते हुए कहा कि दिसम्बर 2018 तक राज्य के 32,000 गांवों के 68 लाख परिवारों के घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

साथ ही वर्ष 2019 तक दो-तिहाई संचरण लाइन पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। राज्य के जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और देवघर जैसे कुल 11 जिलों के शहरी क्षेत्र की सारी बस्तियों में दुर्गा पूजा तक स्मक स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य भी पूरा कर लिया जायेगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायामूर्ति मदन बी लोकुर ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास से इस सुदूर इलाके में सोलर पावर प्लांट लगाया गया है, जो एक सराहनीय कदम है।

इस व्यवस्था से सभी प्रकार के सिस्टम चलाये जा सकतें हैं। कोर्ट द्वारा मामलों के निष्पादन में यह एक अच्छा प्रयास है। बहुत जल्द मोबाइल एप्लीकेशन की व्यवस्था भी होने जा रही है। यह व्यवस्था होने से वकीलों को डायरी रखने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने मोबाईल से ही संपूर्ण विवरण प्राप्त कर सकेंगे। इस मौके पर झारखण्ड उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल समेत अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे।

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