भोपाल : स्कूल व कॉलेजों के लिए अब 15 सालc नहीं चल सकेंगे। विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में लगाए जाने वाले वाहनों को आसानी से पहचाना जा सकेगा। अब स्कूल-कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में चलने वाले वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस, कैमरे तथा पैनिक बटन लगाने होंगे। अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड किट भी अनिवार्य रखना होंगे।
अगर कोई बस संचालक इन नियमों का पालन नहीं करेगा तो उसके खिलाफ जुर्माने और जेल भेजने की कार्रवाई की जा सकेगी। इन नियमों पर जल्द अमल होने वाला है क्योंकि राज्य सरकार ने एक महीने पहले ही नियम जारी कर दिए थे। नए नियम में अब स्कूल-कॉलेज से संबद्ध सभी वाहनों का रंग पीला होगा। अगर बस के अलावा वैन और ऑटो रिक्शा भी अटैच होंगे तो उन्हें भी पीले रंग में रंगना होगा। इसके आगे-पीछे दोनों तरफ शैक्षणिक वाहन लिखना होगा।
साथ ही सभी वाहनों में विद्यार्थियों के बस्ते, टिफिन और पानी की बोतल रखने का इंतजाम करना होगा। ड्राइवर की आयु 21 से कम और 60 साल से ज्यादा नहीं होगी। जिन वाहनों में केवल छात्राओं का परिवहन किया जाएगा, उसमें महिला कंडक्टर की अनिवार्य रूप से नियुक्ति करना होगी। ड्राइवरों व वाहन चालकों को पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा।
शैक्षणिक वाहनों में छोटे बच्चों को सही तरीके से चढ़ाने और उतारने की जिम्मेदारी कंडक्टरों की रहेगी। ड्राइवर और कंडक्टर 10 साल से कम आयु के बच्चों को अभिभावक या उनके द्वारा नियुक्त व्यक्ति का अनुपस्थिति में बस या वाहन से नहीं उतारेंगे। इनके अलावा शैक्षणिक संस्थाओं में अटैच वाहनों को चलाने वाले ड्राइवरों के लिए कुछ शर्तें जोड़ी गई हैं, उनका संस्थाओं को पालन करना होगा।