राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में सप्ताह में कम से कम एक बार वंदे मातरम गाना मद्रास हाई कोर्ट ने अनिवार्य कर दिया है। हाई कोर्ट ने ये आदेश एक याचिका की सुनवाई में दिया है।
“Vande Matharam” to be played and sung in all schools/colleges/Universities atleast once a week (Preferably on Monday or Friday):Madras HC
— ANI (@ANI_news) 25 July 2017
स्कूल-कॉलेज के अलावा सभी सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट कंपनियों में भी महीने में एक बार राष्ट्रगीत जरूर बजना चाहिए।
“Vande Matharam” be played and sung in all Govt Offices and Institutions/Pvt companies/Factories&Industries at least once a month:Madras HC
— ANI (@ANI_news) 25 July 2017
ऐसा क्यों हुआ?
दरअसल, वीरामणी नाम के एक छात्र ने राज्य सरकार की नौकरी के लिए परीक्षा दी थी जिसमें वो एक नंबर से फेल हो गया। फेल होने का कारण ये था कि वंदे मातरम गीत किस भाषा में लिखा गया है इस सवाल के जवाब में वे गलत उत्तर दे आया था।
Director of Public Information to upload translated version of “Vande Matharam” in Tamil and English on Govt websites&social media:Madras HC
— ANI (@ANI_news) 25 July 2017
क्या लिखा था जवाब में?
वीरामणी ने अपने उत्तर में लिखा था कि वंदे मातरम गीत बंगाली भाषा में लिखी गई थी, जबकि बोर्ड की तरफ से उसका सही उत्तर संस्कृत बताया गया। इसी को लेकर वीरामणी ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर वंदे मातरम की भाषा पर स्थिति साफ करने का आग्रह किया। 13 जून को राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम मूल तौर पर संस्कृत भाषा में था लेकिन उसे बंगाली भाषा में लिखा गया था। इसी के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने वंदे मातरम को सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षनिक संस्थानों के लिए अनिवार्य करने का फैसला सुना दिया।
कोर्ट के आदेश :
– कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में सप्ताह में एक बार वंदे मातरम जरूर बजना चाहिए।
– सभी सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट कंपनियों में भी महीने में एक बार राष्ट्रगीत जरूर बजना चाहिए।
– राज्य के सूचना विभाग को वंदे मातरम को सभी भाषा में अपलोड करना चाहिए, उन्हें ये सोशल मीडिया पर भी डालना चाहिए।
– इस आदेश की एक कॉपी तमिलनाडु के चीफ सेकेट्री को भी भेजी जाएगी।
– अगर किसी व्यक्ति को वंदे मातरम गाने में कोई तकलीफ हो रही है, तो उसे जबरन गाने को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।